10 नवंबर 2012
मुम्बई। अभिनेता कुणाल कपूर अपनी फिल्में चुनने में बहुत सावधानी बरतते हैं। उन्होंने कहा कि वह ऐसी व्यवसायिक फिल्मों का हिस्सा बनना चाहते हैं जिनमें स्वतंत्र सिनेमा वाली संवेदनशीलता हो। कुणाल ने कहा, "मैं सिर्फ इतना समझता हूं कि अच्छी फिल्में होती हैं और बुरी फिल्में होती हैं। मैं नहीं जानता कि कला व व्यवसायिक फिल्में क्या हैं लेकिन जहां तक मेरा सवाल है तो यदि मैं किसी फिल्म को ज्यादा समय दूंगा तो मैं चाहूंगा कि वह फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। मैं ऐसी फिल्मों का हिस्सा नहीं बनना चाहता जो रोमांचक न हों।"
'लव शव ते चिकन खुराना' में एक पंजाबी लड़के की भूमिका निभाने वाले कुणाल ने कहा, "व्यवसायिक फिल्में करना महत्वपूर्ण है लेकिन उनमें स्वतंत्र सिनेमा की संवेदनशीलता होनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "मेरी पसंदीदा फिल्में 'मुन्नाभाई एम.बी.बी.एस.', '3 इडियट्स', 'चक दे! इंडिया' व 'रंग दे बसंती' हैं। ये सभी व्यसायिक फिल्में हैं लेकिन इनमें निश्चित रूप से कुछ संवेदनशीलता है।"
कुणाल ने 2005 में 'मीनाक्षी: ए टेल ऑफ थ्री सिटीज' से बॉलीवुड में शुरुआत की थी।