22 नवंबर 2012
मुम्बई। प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर और लेखिका हनी ईरानी की बेटी जोया अख्तर का कहना है कि उनके जहन में हमेशा लेखक बनने का ख्याल हावी रहा है और वह अपने जुनून को किसी भी चीज के लिए नहीं छोड़ सकती। जोया ने कहा, "मेरे अंदर की लेखिका काफी मजबूत है। मैं यह महसूस करती हूं कि अपनी अगली फिल्म निर्देशित करूं या न करूं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन मैं कहीं भी हूं लेखन नहीं छोड़ सकती।"
उन्होंने कहा, "स्कूल में मुझे लेख में सबसे अच्छे अंक आते थे, मुझसे कहा जाता था कि मैं लिख सकती हूं।"
इसके अलावा, जोया यह भी मानती हैं कि उन्हें जावेद की बेटी होने का फायदा मिला है।
उन्होंने कहा, "मुझे उनकी बेटी होने का एक फायदा ये मिला कि मेरा पालन पोषण विशेष तरीके से हुआ। मैं और मेरे भाई साथ-साथ बड़े हुए हैं और हमारे बीच कभी लड़का-लड़की का अंतर नहीं रहा।"
जोया के मुताबिक उनमें पढ़ने आदत पिता से और अन्य गुण मां से आए हैं जो बरसों पहले अलग हो गए थे।
जोया ने कहा, "मेरी मां फिल्म स्कूल में थीं, जब हम स्कूल में थे हम सप्ताहांत के दौरान 'फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीच्यूट आफ इंडिया' (एफटीटीआई) जाया करते थे। वह ढेरों फिल्में एकत्र करती थीं। उनके पास दुनिया भर की सिनेमा पर ढेरों डीवीडी होती थीं। मैंने और फरहान ने उनके साथ कई फिल्में देखी हैं।"
जोया के मुताबि कउनके माता-पिता के बीच तलाक हो जाने के बावजूद उनके मन में एक दूसरे के प्रति बेहद आदर है।
उन्होंने कहा, "अगर मेरे माता-पिता साथ रहते, जिंदगी अलग होती और अब जब वे दोनों साथ नहीं हैं, यह अलग दुनिया है। काफी वक्त हो चुका है। मेरे माता-पिता का रिश्ता काफी मजबूत है, दोनों के मन में एक दूसरे के लिए काफी इज्जत है और वे दोनों अच्छे मित्र हैं।"
फिलहाल, जोया फिल्म 'तलाश' के प्रचार में व्यस्त हैँ।