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'द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट' से मिलेगा सकारात्मक संदेश

7 दिसम्बर 2012

नई दिल्ली।  फिल्म निर्देशक मीरा नायर के लिए फिल्म 'द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट' की शूटिंग भारत, पाकिस्तान और अमेरिका में करना आसान नहीं था लेकिन उनके मुताबिक इसका परिणाम काफी खूबसूरत है और उन्हें उम्मीद है कि इससे इन देशों के बीच सकारात्मक संवाद की राह बनेगी।
 

यह फिल्म पाकिस्तानी लेखक मोहसिन हामिद की सर्वश्रेष्ठ किताब पर आधारित है। इसमें एक पाकिस्तानी लड़के की कहानी है जो 9/11 घटना के बाद वॉल स्ट्रीट में व्यवसायिक सफलता पाने की कोशिश कर रहा है।


मीरा अमेरिका में रहने वाली भारतीय निर्देशक हैं और उन्हें पूर्व और पश्चिम के बीच की खाई को पाटना बेहद पसंद है और उनका ये भी मानना है कि समय आ गया है जब फिल्म के जरिए उपमहाद्वीपीय देशों के बीच पुल बनाने की कोशिश की जाए।


मीरा ने  बताया, "मेरे पिता लाहौर के रहने वाले थे हम ओडिशा में बड़े हुए। लेकिन हम उर्दू अधिक बोलते हैं। मुझे पाकिस्तान में रहने का मौका नहीं मिला इसलिए जब मैं 2004 में वहां गई, तब मैं आधुनिक पाकिस्तान पर फिल्म बनाने के लिए प्रेरित हुई।"


उन्होंने कहा, "आप जो समाचार पत्रों में पढ़ते हैं सच्चाई इससे अलग है। यह सबसे पहली प्रेरणा थी। तब मैंने मोहसिन की किताब तीन महीने बाद पढ़ी। फिल्म ने मुझे अमेरिका से संवाद करने का मौका दिलाया।


मीरा ने कहा, "मैं इस जगह को बहुत अच्छे से जानती हूं मैंने अपनी जिंदगी का आधा हिस्सा उपमहाद्वीप और आधा न्यूयार्क में बिताया है। और अब मैं उपमहाद्वीप पर ध्यान दे रही हूं, दुश्मन की तरह नहीं बल्कि पुल बनाने की तरह। ऐसे तरीके से जो वास्तव में संवाद है।"


55 वर्षीय मीरा के मुताबक यह फिल्म उनके लिए चुनौती थी और इसकी पटकथा स्वीकारने में उन्हें तीन साल का वक्त लग गया ।

 


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