17 दिसम्बर 2012
मुम्बई। 'फायर', 'वॉटर' एवं '1947 अर्थ' जैसी विवादास्पद फिल्में बनाने वाली दीपा मेहता का कहना है कि उन्हें लगता था कि फिल्म 'मिडनाइट चिल्ड्रेन' को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलने में परेशानी होगी। हालांकि उसे बगैर किसी विवाद के प्रमाण पत्र मिल गया।
यह फिल्म विवादास्पद लेखक सलमान रश्दी के बुकर पुरस्कार विजेता उपन्यास 'मिडनाइट चिल्ड्रेन' पर आधारित है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को बुधवार को प्रमाण पत्र दिया है। दीपा इसके बाद बेहद खुश हैं।
उन्होंने कहा, "बेवजह के विवाद के बाद मैं किसी प्रकार की परेशानियों के आने की उम्मीद कर रही थी। लेकिन सेंसर बोर्ड ने अपवाद स्वरूप बढ़िया काम किया। उन्होंने फिल्म का एक भी दृश्य नहीं काटा। भले ही उन्होंने इसे वयस्क का प्रमाण पत्र दिया है। ठीक है। 'मिडनाइट चिल्ड्रेन' बच्चों के लिए नहीं है। लेकिन मुख्य बात है कि जिस तरह वयस्क दर्शकों के साथ व्यवहार किया जा रहा है क्योंकि प्रौढ़ता जो धीरे धीरे आ रही है वह भारत के सामाजिक-राजनीतिक ढांचे में धीरे-धीरे ही सही बदलाव का प्रतीक है।"
दीपा ने कहा कि सेंसर से प्रमाण पत्र मिलने के बाद पीवीआर पिक्चर्स ने इस फिल्म को जनवरी 2013 में प्रदर्शित होने से पहले हिंदी में भी डब करने का निर्णय लिया है। पीवीआर भारत में इस फिल्म का वितरक है।
उन्होंने कहा, "मैं इन मामलों को बेहद योग्य अपने वितरकों के उपर छोड़ती हूं। मैं सिर्फ इसी बात से खुश हूं कि मेरी फिल्म भारत में बगैर किसी कांट छांट के भारत में प्रदर्शित होगी।"