22 दिसम्बर 2012
मुम्बई। बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता परेश रावल साफ सुथरी हास्य फिल्में करने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन वह बॉलीवुड में हास्य फिल्मों की बदलती विधा को भी पसंद करते हैं और उनके मुताबिक वह इस तरह की फिल्मों का हिस्सा बनना चाहते हैं। परेश ने कहा, "मैं गूढ़ हास्य फिल्मों को करना पसंद करूंगा। मैं उन्हें पसंद करता हूं। इसमें कोई बेहूदगी नहीं है, न ही इसमें किसी को सिखाने की जरूरत होती है और घिसेपिटे हास्य से भी दूर रहा जाता है। यह बिल्कुल नया है। मैं ऐसी फिल्में करना चाहूंगा।"
'देल्ही बेली', 'क्या सुपर कूल हैं हम' और 'फंस गए रे ओबामा' जैसी हास्य प्रधान फिल्म को चहुंओर प्रशंसा मिली है।
ऐसी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने पर परेश क्या करेंगे, परेश ने कहा, "मुझे ऐसे प्रस्ताव मिलते हैं लेकिन मैं एक अच्छी कहानी पर ध्यान दे रहा हूं। मुझे कभी-कभी बुरा लगता है मैं 'फंस गए रे ओबामा' नहीं कर पाया। मैं यह नहीं कर सका क्योंकि इस फिल्म में मेरे हिस्से आया किरदार मुझे पसंद नहीं था। मैं जानता था कि यह एक अच्छी फिल्म है, लेकिन मैंने कभी यह कल्पना नहीं की थी कि यह ऐसी फिल्म होगी। मुझे इसे देखने में मजा आया।"
परेश ने 'हेरा फेरी', 'अतिथि तुम कब आओगे' और 'ओए लकी, लकी ओए' जैसी हास्य फिल्मों में काम किया है।