9 जनवरी 2013
मुम्बई। सामाजिक कार्यकर्ता व अभिनेत्री नंदिता दास का मानना है कि मृत्युदंड से दुष्कर्म जैसे अपराध नहीं रुक सकते। नंदिता सोमवार को यहां जानकी देवी पुरस्कार समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने कहा, "मुझ्झे नहीं लगता कि मृत्युदंड से दुष्कर्म जैसे अपराधों को रोका जा सकता है क्योंकि हमारे देश में ऐसे अपराध बहुत कम साबित हो पाते हैं। तमाम हंगामे के बावजूद दुष्कर्म की घटनाओं की खबरें लगातार आ रही हैं।"
उनका कहना है कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए कुछ और उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, "ऐसे देश जहां दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है वहां भी ये अपराध कम नहीं हुए हैं। उन देशों में इस तरह के अपराध कम हैं जहां मृत्युदंड का प्रावधान है ही नहीं। ऐसे अपराधियों को बजाए मौत की सजा देने के, फटाफट सुनवाई कर समाज में जलील किया जाना चाहिए।"
नंदिता ने उन बयानों पर हैरानी जाहिर की जिनमें दुष्कर्म की शिकार लड़की को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
उन्होंने कहा, "कुछ लोगों के इस तरह के बयान बिल्कुल बेहूदा हैं कि दुष्कर्म की घटनाएं इसिलए होती हैं क्योंकि लड़कियां स्कर्ट जैसे कपड़े पहनती हैं। अगर ऐसा होता तो गांवों में किसी महिला के साथ दुष्कर्म नहीं होता।"
इस संदर्भ में एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "मैंने भंवरी देवी पर एक फिल्म 'बवंडर' बनाई थी, वह अपना चेहरा ढक कर रखती थी फिर उसके साथ ऐसी घटना कैसे हो गई?"
नंदिता ने कहा, "हम तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की खबरें सुनते हैं, क्या वह किसी नाइट क्लब में थीं? हमें इस तरह के शर्मनाक तर्क नहीं देने चाहिए।"