24 जनवरी 2013
मुम्बई। नसीरुद्दीन शाह अपनी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करते हैं लेकिन बतौर निर्देशक वह सफल साबित नहीं हो पाए हैं और 2006 में आई उनकी पहली निर्देशित फिल्म 'यूं होता तो क्या होता' को असफलता का मुंह देखना पड़ा था। वह इस असफलता से काफी निराश हैं और इस वजह से दोबारा फिल्म का निर्देशन नहीं करना चाहते। 'स्पर्श', 'पार', 'इकबाल' फिल्म से राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुके 62 वर्षीय नसीरुद्दीन चार दशक से अपने बेहतरीन संवाद अदायगी और अभिनय के लिए जाने जाते हैं लेकिन वह अपने निर्देशन से काफी हताश हैं।
उन्होंने अपनी फिल्म 'सोना स्पा' के बारे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "आप मुझे दोबारा निर्देशन करते नहीं देखेंगे। मैं व्यक्तिगत रूप से अपनी फिल्मों से काफी हताश हूं।"
उन्होंने कहा, "अगर मुझे निर्देशन का एक और मौका मिलता तो मैं शायद और अच्छा काम करता। फिल्म निर्माण काफी कठिन है। मैं अच्छा निर्देशन करने वालों की काफी इज्जत करता हूं।"
नसीरुद्दीन की फिल्म 'सोना स्पा' का निर्देशन मकरंद देशपांडे और नसीरुद्दीन ने खुद किया है जो इसमें अभिनय भी कर रहे हैं।