30 जनवरी 2013
मुम्बई। फिल्म निर्देशक बिजॉय नाम्बियार ने अपनी फिल्म 'डेविड' से लकी अली का गाया गीत 'या हुसैन' हटाने का फैसला किया है। कुछ समूहों ने फिल्म के इस गाने पर आपत्ति जताई थी। हालांकि नाम्बियार गाने का संगीत फिल्म में शामिल करेंगे।
कुछ मुस्लिम संगठनों ने फिल्म से यह गाना हटाने का आग्रह करते हुए नाम्बियार से कहा था कि गीत मुस्लिम समुदाय के हित में नहीं है। गाने में मुस्लिम समुदाय के त्योहार मुहर्रम के जुलूस का एक दृश्य शामिल किया गया था।
नाम्बियार ने बताया, "फिल्म से 'या हुसैन' गाना हटा दिया गया है। लेकिन गाने का संगीत फिल्म में अब भी है।"
उन्होंने कहा, "कुछ मुस्लिम समुदायों को गीत से आपत्ति थी। लेकिन उन्होंने उदारता से मेरा मिलकर मसला सुलझाने का आग्रह मान लिया। लम्बी बातचीत के बाद यह फैसला हुआ कि बेहतर होगा यदि मैं किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाऊं। इसलिए मैंने गीत को फिल्म से हटाने का फैसला लिया।"
नाम्बियार ने समुदाय के सदस्यों को गाने का वीडियो देखने का न्योता दिया था, जिसके बाद गीत को फिल्म से हटाने का फैसला लिया गया।
उन्होंने कहा, "यदि हमारी ओर से दोस्ताना व्यवहार न किया जाता तो वे विरोध प्रदर्शन करते। बेहतर था कि बातचीत के द्वारा मामले को सुलझाया जाता वरना फिल्म के प्रदर्शन पर संकट आ सकता था।"
नाम्बियार देश में फिल्मों पर नैतिक सेंसरशिप की धारणा से दुखी हैं। उन्होंने कहा, "दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि देश की यह हालत है, जहां हम रहते हैं। मैं व्यक्तिगत तौर पर विचारों के स्तर पर भी प्रतिबंध लगने से निराश हूं। 'डेविड' की पटकथा लिखते समय मेरे मन में किसी के भी प्रति अक्रामक विचार नहीं थे और तब भी मुझे ऐसे हालातों का सामना करना पड़ा।"
नाम्बियार कहते हैं, "मुझे पता है मैं भी प्रतिरोध कर सकता था लेकिन मैं फिल्म के प्रदर्शन में देर नहीं कर सकता था। यदि मेरी फिल्म में कोई नामी कलाकार होता तब मैं यह जोखिम ले सकता था। परिस्थितियों को देखते हुए मुझे समझदारी की बात यही लगी कि मैं समझौता कर लूं।"
दूसरी तरफ गायक लकी अली और अभिनेता नील नितिन मुकेश को लगातार धमकी भरे संदेश मिल रहे थे। नाम्बियार नहीं चाहते थे कि उनकी कलात्मकता का खमियाजा उनकी फिल्म के कलाकारों को भुगतना पड़े।
फिल्म में नील नितिन मुकेश, विक्रम और विनय विरमानी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म आगामी एक फरवरी को प्रदर्शित हो रही है।