18 मार्च 2013
मुम्बई। बॉलीवुड फिल्मकार तिग्माशुं धूलिया की हालिया प्रदर्शित फिल्म 'साहेब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स' में लता मंगेशकर का जो मशहूर गीत 'लग जा गले' सुना गया, उसके लिए धूलिया को भारी कीमत चुकानी पड़ी है।
उम्दा फिल्मों के गीतों का कॉपीराइट आसानी से प्राप्त कर लेना बीते दिनों की बात हो चुकी है। इन दिनों निर्माताओं को अपनी पसंद के संगीत के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। हाल में फिल्मकार अपूर्व लाखिया ने मन्ना डे के गीत 'यारी है ईमान मेरा' को फिल्म 'जंजीर' की रीमेक में शामिल करने का विचार किया और फिल्म में प्राण वाली भूमिका निभा रहे संजय दत्त पर नए सिरे से गीत को फिल्माने का निर्णय लिया।
इसके पीछे का कारण था कि गीत का कॉपीराइट रखने वाली कम्पनी 'सारेगामा-एचएमवी' ने गीत के बदले में काफी बड़ी रकम की मांग की थी।
धूलिया को यह सुनकर तेज झटका लगा कि 1964 की फिल्म 'वह कौन थी' में मदन मोहन द्वारा संगीतबद्ध गीत 'लग जा गले' की कॉपीराइट के लिए उन्हें 30 लाख देने होंगे।
धूलिया ने कहा, "मुझे मदन मोहन के बहुत से गाने पसंद हैं, जिसमें 'लग जा गले' सबसे ऊपर है। अधूरे प्रेम की वेदना को दर्शाने के लिए यह बिल्कुल सटीक गाना है। मैं किसी भी तरह गीत को अपनी फिल्म में शामिल करना चाहता था और मैंने वही किया, भले ही इससे हमारी फिल्म का बजट बिगड़ गया।"
वह कहते हैं उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि गीत का कॉपीराइट खरीदना उनके लिए इतना मंहगा साबित होगा।
संगीत कम्पनी 'सारेगामा' के व्यावसायिक प्रमुख, आदर्श गुप्ता कहते हैं, "हमने गीतों की कॉपीराइट के मामले में पहले से ही सब कुछ स्पष्ट कर दिया था। कोई भी निर्माता हमारे गीत खरीद सकता है और जैसे चाहे फिल्म में प्रयोग कर सकता है। लेकिन दूसरी संगीत कम्पनियों के साथ हमारे गीतों को ऑडियो संगीत में प्रयोग नहीं किया जा सकता।"