24 मार्च 2013
मुम्बई। साल 2013 के शुरुआती तीन महीनों में जिस तरह बॉलीवुड में हास्य, रोमांच और नाटकीय फिल्में आई, उसकी तुलना में बॉक्स ऑफिस की कमाई संतोषजनक नहीं हो पाई। तीन महीनों के अंतराल में प्रदर्शित फिल्मों से बॉक्स ऑफिस कुल 450 करोड़ रुपये ही कमा पाया है, जो पिछले साल की शुरुआती तीन महीनों की कमाई की तुलना में काफी कम है।
मल्टीमीडिया कम्बाइन्स के राजेश थडानी कहते हैं कि पिछले तीन महीनों में बॉलीवुड में करीब 40 हिंदी फिल्में प्रदर्शित हो चुकने के बावजूद बॉक्स ऑफिस को 440 करोड़ से 450 करोड़ रुपये तक की कमाई हो पाई है।
थडानी ने आईएएनएस को बताया, "यह साल बॉक्स ऑफिस पर कमाई के नजरिए से उतना बढ़िया नहीं रहा। मुश्किल से किसी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त प्रदर्शन किया है। यदि पिछले साल की कमाई को देखें तो इस साल आंकड़ा काफी नीचे है।"
2008 में आई फिल्म 'रेस' की सीक्व ल फिल्म 'रेस 2' अब तक की एकमात्र फिल्म है जिसने 100 करोड़ रुपये के आंकड़े को छुआ है।
व्यापार विशेषज्ञ कोमल नाहटा के मुताबिक 60 करोड़ रुपये की बजट वाली फिल्म का प्रदर्शन के बाद दो सप्ताह में 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करना कोई बहुत बड़ा मुनाफा नहीं है। फिल्म का बजट काफी बड़ा था और 100 करोड़ रुपये की कमाई से उन्हें कोई खास मुनाफा नहीं हुआ।
जनवरी में आई फिल्म 'मटरू की बिजली का मन्डोला' हालांकि एक बहुप्रतीक्षित फिल्म थी लेकिन वह भी उम्मीद के अनुरूप कमाई नहीं कर सकी।
फरवरी में काफी सारी फिल्म प्रदर्शित हुई जिनमें 'विश्वरूपम' 'स्पेशल छब्बीस' 'एबीसीडी' 'मर्डर 3' 'काई पो छे' और 'जिला गाजियाबाद' प्रमुख हैं।
मुक्ता आर्टस के फिल्म वितरक संजय घई ने कहा, "सिर्फ दो ही फिल्में अब तक ठीक ठाक कमाई कर पाई हैं- 'काई पो छे' और 'एबीसीडी : एनीबडी कैन डांस'। एक ने लगभग 50 करोड़ की कमाई की और दूसरे ने 40 करोड़ रुपये।"
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 'हिम्मतवाला' 'धूम 3' और 'चेन्नई एक्सप्रेस' जैसी फिल्मों से बॉक्स ऑफिस के हालात सुधारने की उम्मीद लगाई जा सकती है।