HindiLok Mobile edition
मुख्य पृष्ठ | राशिफल | खेल | बॉलीवुड

कई मर्जों में इस्तेमाल होती है तुलसी

तुलसी तो भारत की संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन चिकित्सीय दृष्टि से देखें तो इसमें कई मर्जों से निपटने की अद्भुत क्षमता है। आयुर्वेद में तुलसी की महत्ता में कई पन्ने रंगे गए हैं। लेकिन, आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ भावप्रकाश का जिक्र करें तो तुलसी पेट के कृमि को नष्ट करने, दाद-खाज-खुजली को ठीक करने ,त्वचा के कई दूसरे रोगों को ठीक करने के अलावा खांसी और टीबी जैसे रोगों के उपचार में खासी प्रभावशाली है। कान और दांत दर्द में भी तुलसी का तेल औषधि की तरह इस्तेमाल होता है। तुलसी का रस स्त्रियों में मासिक धर्म संबंधी अनियमितता को ठीक करने की क्षमता भी रखता है।

दरअसल, वैज्ञानिकों की मानें तो तुलसी में कुछ विशिष्ट गुण हैं,जो इसे खास बनाते हैं। तुलसी के गुण शरीर की विधुतीय संरचना को सीधे प्रभावित करते हैं।  तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में विधुत शक्ति का प्रवाह नियंत्रित होता है। कई डॉक्टरों ने तुलसी को संक्रामक रोगों मसलन यक्ष्मा, मलेरिया,काला ज्वर आदि में खासा उपयोगी बताया है। तुलसी में सीटोस्टेराल,अनेक वसा अम्ल पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, जो बेहतर जीवाणुनाशक बताए गए हैं।

जनरल ऑफ रिसर्च इन इंडियन मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध में तुलसी के बीज को नपुंसकता को दूर करने के साथ कई प्रकार के ट्यूमर को ठीक करने वाला बताया गया है।

भारत में रहने वाले सभी लोग वैसे तुलसी की महिमा से परीचित हैं। इसलिए तुलसी का पौधा ज्यादातर घरों में विराजमान रहता है। लेकिन, अगर हम इसके नियमित इस्तेमाल की आदत डाल लें तो स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं आने से पहले घर के दरवाजे से ही लौट जाएंगी।


Home | About Us | Feedback | Privacy Policy | Terms