HindiLok Mobile edition
मुख्य पृष्ठ | राशिफल | खेल | बॉलीवुड

गायक युवाओं के लिए कुछ सार्थक पेश नहीं कर रहे : मलकित (साक्षात्कार)
3 फरवरी 2014
नई दिल्ली|
ब्रिटेन में रह रहे पंजाबी गायक मलकित सिंह भारत में संगीत की वर्तमान स्थिति से हताश हैं। उन्हें लगता है कि कलाकारों के पास युवाओं को प्रेरित करने की शक्ति है, लेकिन वे युवाओं के सामने कुछ सार्थक नहीं पेश कर रहे।

एक साक्षात्कार में मलकित ने आईएएनएस को बताया, "यह बहुत दुख की बात है। युवाओं की बात करें तो वे वही सुनते हैं जो हम उन्हें देते हैं। वे उन गानों को पसंद करते हैं क्योंकि कलाकार कुछ सार्थक नहीं कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि एक कलाकार के पास युवा को प्रेरित करने की शक्ति होती है। लेकिन अगर वही कलाकार कुछ सार्थक नहीं बना रहा तो युवा सार्थक गानों को कैसे स्वीकार करेंगे।"

51 वर्षीय मलकित को लगता है कि ऐसा इसलिए भी है क्योंकि बॉलीवुड केवल पश्चिमी गाने बना रहा है।

उन्होंने कहा, "मेरे पिछले गाने 'मां दे हाथां पकियां रोटियां' ने युवाओं को रुला दिया था। ये गाने हमारी जड़ों से जुड़े हैं और युवा भी इन्हें पसंद करते हैं। लेकिन हमने ऐसे गाने बनाने बंद कर दिए हैं। बॉलीवुड की मुख्य समस्या है, वे जो दे रहे हैं, श्रोता उसी को स्वीकार कर रहे हैं। उनके पास और विकल्प नहीं हैं।"

मलकित को लगता है कि हमारी जड़ों और संस्कृति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने बताया, "मैंने 54 से ज्यादा देशों में प्रस्तुतियां दी हैं और अभी भी मंच पर पारंपरिक वाद्ययंत्रों का प्रयोग करता हूं। हम पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और उसी तरह प्रस्तुति देते हैं क्योंकि यह भारत का हिस्सा है। इसलिए मुझे लगता है कि हमें अपनी जड़ों और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए।"

मलकित 1984 में ब्रिटेन गए थे। सबसे बड़े भांगड़ा बिक्री कलाकार के लिए उनका नाम गिनीज विश्व रिकॉर्ड में दर्ज है। पंजाबी संगीत में सेवाओं के लिए 2008 में उन्हें मेंबर ऑफ द ब्रिटिश इम्पायर (एबबीई) नियुक्त किया गया। यह सम्मान पाने वाले वह पहले पंजाबी कलाकार थे। 2012 में बर्मिघम वॉक ऑफ स्टार्स में उनके नाम के सितारे के साथ उन्हें सम्मानित किया गया।

हाली ही में उन्होंने अपना 24वां अलबम 'सिख हों दा मान' (सिख होने पर गर्व करो) लांच किया है।

Home | About Us | Feedback | Privacy Policy | Terms