शनि गोचर 2019 में आज हम बात करने वाले हैं साल 2019 में होने वाले शनि के राशि परिवर्तन की जो कि ज्योतिष शास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण अवधि मानी जाती है क्योंकि शास्त्रों अनुसार एक ग्रह का दूसरी राशियों में प्रवेश करना सबसे ज्यादा अहम होता है। इसलिए ही आज हम आपको साल 2019 में शनि ग्रह के राशि परिवर्तन के बारे में आगाह करते हुए बताएंगे कि शनि गोचर के चलते शनि के किस राशि से निकलने और किस राशि में प्रवेश करने से इसका अन्य राशियों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
शनि ग्रह को सबसे ज्यादा प्रभावशाली ग्रह माना जाता रहा है, प्रभावशाली होने के कारण सभी 12 राशियों पर शनि ग्रह का बहुत ही व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है। शनि की ढैय्या और शनि की साढ़ेसाती का हर राशि के जातकों के जीवन पर बहुत ही महत्वपूर्ण असर पड़ता है। शायद इसलिए ही आमतौर पर शनि ग्रह को बहुत ही दुष्ट और लोगों का अनिष्ट करने वाले ग्रह के रूप में देखा जाता है लेकिन असलियत ये है की शनि ग्रह वास्तव में बेहद ईमानदार और जैसे को तैसा फल देने वाला ग्रह है। कहने का अर्थ ये हैं कि जिसका जैसा कर्म होता है शनि ग्रह उसे वैसा ही फल भी देते हैं।
ग्रहों की बात करें तो शनि की मुख्य रूप से बुध, राहु और शुक्र ग्रहों के साथ काफी ज्यादा मित्रता होती है जबकि सूर्य, मंगल और चन्द्रमा के साथ इस ग्रह की काफी ज्यादा शत्रुता रहती है। राशियों में मकर और कुम्भ राशियों का स्वामी शनि को माना जाता है, चूँकि शनि जब भी किसी राशि में प्रवेश करतें है तो कम से कम ढाई सालों तक उस राशि में ही रहतें है इसलिए शनि के गोचर को सबसे ज्यादा महत्वपुर्ण माना जाता है। आज इस लेख के जरिये हम आपको बताने जा रहे हैं कि साल 2019 में किस राशि के जीवन में शनि का कैसा प्रभाव पड़ेगा और इसके प्रकोप से बचने के लिए आप कौन से उपाय कर सकते हैं।
मेष राशि
- इस राशि वालों के लिए शनि मुख्य तौर से दशम और एकादश भाव का स्वामी कहलाता है।
- मेष राशि का दशम और एकादश भाव मुख्य रूप से आर्थिक स्थिति, बिजनेस में सफलता और अन्य कामों के लिया जिम्मेवार होता है।
- साल 2019 में शानि गोचर की वजह से मेष राशि के जातकों को कुछ मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन अपना संयम बनाएं रखें।
- परिस्थितियां कितनी भी विषम और बुरी क्यों ना हों लेकिन हर मुश्किल की घड़ी में समझदारी से काम लेना ही सही होगा।
- शनि गोचर के दौरान भी आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको कठिन मेहनत करने की आवश्यकता होगी।
- जनवरी से जून के बीच आपकी सफलता की रफ़्तार थोड़ी कम रहेगी लेकिन जून से अक्टूबर का महीना आपके लिए अनुकूल हो सकता है।
- मेहनत और प्रयास करने पर अक्टूबर से दिसंबर तक का महीना पूरी तरह से आपके अनुकूल रहेगा जिससे आपको हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
- शानि गोचर के दौरान मुख्य रूप से अपने बड़े भाई बहनों की सेहत का ख़ास ख्याल रखें।
उपाय : शनि गोचर के दौरान मेष राशि के जातक शनि के प्रभावों से बचने के लिए रोज़ाना गाय को घी लगी रोटी जरूर खिलाए।
वृषभ राशि
- वृषभ राशि वालों के लिए शनि देव नवम और दशम भाव के स्वामी हैं।
- नवम और दशम भाव वृषभ राशि वालों के लक, व्यवसाय, शोहरत और कर्मों को दर्शाता है।
- 2019 में शनि का गोचर वृषभ राशि वालों के लिए काफी लाभदायक साबित होने वाला है।
- करियर के दृष्टिकोण से देखा जाए तो 2019 में आपके लिए जून से अक्टूबर का समय काफी ज्यादा फलदायक साबित होगा।
- इसके बाद अक्टूबर से दिसंबर तक का समय वृषभ राशि वालों के लिए थोड़ा असहज साबित हो सकता है।
- खास करके अक्टूबर के बाद किसी भी क्षेत्र में पैसों का निवेश ना करें अन्यथा आपको धन हानि हो सकती है।
- जहाँ तक संभव हो अपने परिवार और जीवनसाथी के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिताएं।
- बेवजह किसी के साथ भी ना उलझें वर्ना आपको ख़ासा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- वृषभ राशि के जातक शनि के गोचर के दौरान अपने पिता की कही बातों को अनसुना ना करें और उनका ख़ास ख्याल रखें।
उपाय : शनि गोचर के प्रभावों से बचने के लिए काले जूते और काले कपड़ों का दान करें।
मिथुन राशि
- इस राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम और नवम भाव के स्वामी कहलाते है।
- मिथुन राशि का नवम और अष्टम भाव विशेष रूप से भाग्य उदय, लम्बी उम्र और जीवन में होने वाले बड़े परिवर्तनों के लिए जिम्मेवार होता है।
- इस साल शनि गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए ख़ासा लाभदायक साबित होने वाला है।
- आपको हर छोटे बड़े विवादों से छुटकारा मिलेगा।
- इस साल भाग्य आपके साथ रहेगा फिर चाहे वो कोर्ट-कचहरी से ही जुड़ा क्यों ना हो, फैसला आपके पक्ष में ही आयेगा।
- जीवन के हर क्षेत्र में मिथुन राशि वालों को ख़ासा उपलब्धि मिलने वाली है।
- आपके परिवार में अनकही खुशियां आएँगी और घर का माहौल बेहद खुशनुमा रहेगा।
- आर्थिक दृष्टिकोण से मिथुन राशि वालों को शनि गोचर के दौरान किसी भी तरह से धन हानि नहीं होगी।
- आप दोस्तों और परिवार के साथ एक बेहतरीन पल बिता पाएंगे।
- मिथुन राशि के जातक शनि के गोचर के दौरान अपनी माँ के स्वास्थ्य का ख़ास ख्याल रखें।
उपाय : शनि के गोचर के दौरान अपनी मध्य ऊँगली में काले घोड़े के नाल की अंगूठी पहनें।
कर्क राशि
- इस राशि के जातकों के लिए शनि उनके सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी होते है।
- कर्क राशि का सप्तम और अष्टम भाव उनके जीवन में शादी, जीवनसाथी के साथ साझेदारी, लम्बी उम्र और जीवन में होने वाले परिवर्तनों के लिए जिम्मेवार होता है।
- साल 2019 का ये शनि गोचर, कर्क राशि के जातकों के लिए थोड़े विपरीत प्रभाव वाला साबित हो सकता है।
- कर्क राशि के जातक शनि के गोचर के दौरान विशेष रूप से किसी भी प्रकार के मसलों मे ना उलझें।
- आप अपने स्वास्थ्य के प्रति ख़ासा सजग रहें।
- शनि के गोचर की वजह से इस साल आपको निरंतर यात्रा करनी पड़ सकती है।
- कर्क राशि वालों को कुछ मानसिक तनाव भी मिल सकते हैं लेकिन किसी भी स्थिति में अपना आपा ना खोएं और संयम बनाएं रखें।
- अपनी भावनाओं पर काबू रखें और जीवन की हर मुश्किलों का समाधान सोच विचार कर करें।
उपाय : आप शनि के क्रूर प्रभाव से बचने के लिए किसी भी सात तरह के अनाज पक्षियों को खिलाएं।
सिंह राशि
- इस राशि के षष्ठम और सप्तम भाव के स्वामी शनि होते हैं।
- सिंह राशि का षष्ठम और सप्तम भाव मुख्यरूप से जीवन के संघर्ष, शादी, जीवनसाथी के साथ साझेदारी और रोगों के लिए ज़िम्मेवार होता है।
- इस साल सिंह राशि के जातक विशेष रूप से अनावश्यक खर्चों से बचें, जहाँ तक हो सकें पैसों के खर्चों को लेकर थोड़ा सजग रहें।
- सिंह राशि के जातक जो खासतौर से बिजनेस से जुड़े हैं उन्हें शनि के गोचर के दौरान ख़ासा लाभ मिलने वाला है।
- सिंह राशि के नौकरीपेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में प्रमोशन मिलने की संभावना है।
- आप सेहत से जुड़ी समस्याओं को कभी भी अनदेखा ना करें बल्कि सेहतमंद रहने के लिए दैनिक रूटीन को पूरी ईमानदारी के साथ फॉलो करें।
- आपका परिवार, बच्चों और जीवनसाथी के साथ अच्छा वक़्त बीतेगा।
उपाय : सिंह राशि के जातक शनि गोचर के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जरूर जलाएं।
कन्या राशि
- शनि कन्या राशि के पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी होते हैं।
- पंचम और षष्ठम भाव मुख्य रूप से शिक्षा और पिता के साथ संबंधों के कारक होते है।
- वर्ष 2019 में शनि गोचर के दौरान कन्या राशि के जातकों को जहां एक तरफ कार्यक्षेत्र में ख़ासा उन्नति मिलेगी, तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें जीवन पारिवारिक कार्यों में भी सफलता मिलेगी।
- शनि गोचर के दौरान अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखें और हर प्रकार के तनाव को जीवन से दरकिनार रखें।
- जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए खुद को विवादों से दूर ही रखें।
उपाय : कन्या राशि के जातक शनि गोचर के दौरान हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाएं।
तुला राशि
- तुला राशि के जातकों के लिए शनि चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी होते है।
- ये दोनों ही भाव मुख्य रूप से जीवन में माता-पिता के साथ संबंध, वाहन योग, शिक्षा और अन्य कार्यों के कारक होते है।
- ये गोचर तुला राशि वालों के लिए किसी भी क्षेत्र में निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल साबित होगा।
- गोचर अवधि के दौरान आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और कार्यस्थल पर कई अवसर मिलेंगे।
- शनि गोचर के दौरान आपकी जितनी आमदनी होगी उतने ही खर्चे भी बढ़ जायेगे जिसके चलते आप बचत नहीं कर पाएंगे।
- आप इस साल किसी लम्बी यात्रा पर जा सकते हैं।
उपाय : शनि गोचर प्रभावों से बचने के लिए बन्दर और कुत्तों को लड्डू खिलाएं।
वृश्चिक राशि
- हिंदी कुंडली में तृतीया और चतुर्थ भाव के स्वामी शनि होते हैं।
- वृश्चिक राशि में ये दोनों भाव सामान्य रूप से भाई-बहन, माँ के साथ रिश्ते, अन्य लोगों के साथ संबंध और ख़ुशी को दर्शातें हैं।
- इस राशि के सभी जातकों को इस गोचर के दौरान सभी क्षेत्रों में ख़ासा परिश्रम करने की आवश्यकता होगी।
- करियर के क्षेत्र में इस राशि के लोगों को बेहद अच्छे मौके मिलेंगे।
- पारिवारिक और अन्य किसी भी प्रकार के विवादों से जितना हो सकें गोचर काल के दौरान दूर रहने की ही कोशिश करें।
- कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों को विदेश यात्रा का अवसर प्राप्त हो सकता है।
- अपनी वाणी पर काबू रखें और कुछ भी बोलने से पहले एक बार पुनः विचार जरूर कर लें।
उपाय : वृश्चिक राशि के जातक रोगियों और गरीबों की सेवा करें।
धनु राशि
- इस राशि में द्वितीय और तृतीय भाव के स्वामी शनि देव होते हैं।
- धनु राशि के ये दोनों भाव विशेष रूप से भाई बहन और परिवार के साथ रिश्ते, भाषा, आर्थिक स्थिति और अन्य लोगों के साथ सबंधों के ऊपर आधारित होते हैं।
- धनु राशि के जातकों को शनि गोचर के दौरान किसी भी तरह के आर्थिक निवेशों से बचना चाहिए।
- शनि गोचर की वजह से धनु राशि के शादी शुदा जातकों के जीवन में ख़ासा उथल पुथल मच सकती है, ऐसी में जीवनसाथी के साथ ताल-मेल बनाकर चलना सही रहेगा।
- परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिताएं। साथ ही तनाव की स्थिति में संयम से काम लेना लाभकारी साबित होगा।
उपाय : धनु राशि के जातक शनि गोचर के दौरान शराब और मांसाहार भोजन के सेवन से परहेज करें।
मकर राशि
- मकर राशि के लिए शनि देव लग्न और द्वितीय भाव के स्वामी कहलाते हैं।
- मकर राशि के जातकों के लिए ये दोनों भाव विशेष रूप से लम्बी उम्र, आर्थिक स्थिति, परिवार और चरित्र के लिए जिम्मेवार होते हैं।
- इस राशि के विद्यार्थियों को इस साल विदेश यात्रा का लाभ मिल सकता है।
- किसी भी प्रकार के कानूनी विवादों से खुद को दूर ही रखें।
- इस राशि के जातक मुख्य रूप से अपनी सेहत का ख़ास ख्याल रखें।
उपाय : आप शनि के प्रभावों से बचने के लिए हनुमाना चालीसा का नियमित पाठ करें और जटा वाले नारियल नदी में प्रवाहित करें।
कुम्भ राशि
- शनि कुम्भ राशि के लग्न और द्वितीय भाव में विराजमान होते हैं।
- ये दोनों ही भाव मुख्य रूप से धन हानि, आर्थिक स्थिति, लम्बी उम्र और स्वस्थ्य के लिए जिम्मेवार होते हैं।
- इस साल शनि गोचर के प्रभाव से कुम्भ राशि के जातक आध्यात्म की तरफ प्रस्थान कर सकते हैं।
- आपको इस साल धन लाभ के भी कई अवसर प्राप्त होने की संभावना है।
- अपने जीवनसाथी से किसी भी तरह की अपेक्षा शनि गोचर के दौरान ना रखें।
उपाय : आप शनि गोचर के प्रभावों से निजात पाने के लिए मंदिर में सरसों का तेल बांटें।
मीन राशि
- आपके लिए एकादश और द्वादश भाव के स्वामी शनि होते हैं।
- ये दोनों ही भाव विशेष रूप से आर्थिक स्थिति, धन लाभ और स्वास्थ्य को दर्शतें है।
- मीन राशि के जातकों के लिए ये साल विशेष रूप से लेनदेन के मामलें में लाभदायक साबित होगा।
- नौकरीपेशा लोगों के लिए भी ये साला प्रोफ़ेशनल ग्रोथ की दृष्टिकोण से ख़ासा लाभदायक साबित होने वाला है।
- इस गोचर के दौरान आपको अपनी शादी के लिए विशेष रूप से सजग रहने की जरुरत है।
- पैसों की फिजूलखर्ची से बचें।
उपाय : मीन राशि के जातक शनि के प्रभावों से बचने के लिए हर शनिवार काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
आप सभी को हिन्दी लोक की पूरी टीम की ओर से शुभकामनाएँ !