पुणे/नई दिल्ली, 12 अगस्त
देश में बुधवार को स्वाइन फ्लू से छह और लोगों की मौत हो गई। इनमें से पांच लोगों की मौत केवल पुणे में हुई है। इसके साथ ही देश में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है।
स्वाइन फ्लू की पहली शिकार रिदा शेख हुई थी। 3 अगस्त हो हुई उसकी मौत के बाद से बुधवार को एक ही दिन में सबसे अधिक छह लोग इस बीमारी के शिकार हुए।
महाराष्ट्र में बीमारी भयावहता को देखते हुए प्रशासन ने मुंबई में शैक्षिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों को एक सप्ताह के लिए बंद करने का निर्देश जारी किया है।
नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जो विज्ञापन के जरिये अवैध रूप से टेमीफ्लू की दवा और मास्क बेच रहे हैं।
महाराष्ट्र में अब तक इस बीमारी से 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मुंबई में सभी शैक्षिक संस्थानों को एक सप्ताह के लिए और मल्टीप्लेक्सेज को तीन दिन के लिए बंद करने की घोषणा की। एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि दफ्तर और मॉल खुले रहेंगे।
महाराष्ट्र स्वाइन फ्लू नियंत्रण कक्ष के मुताबिक पुणे में जिन पांच लोगों की मौत हुई उनमें 48 वर्षीय ड्राइवर गौतम शेलार, नीता मेघानी (50), स्कूल छात्र बाबू गेनू कुलंद, संजय मिस्त्री (35), श्रावणी देशपांडे (29) शामिल हैं। वहीं एक व्यक्ति की मौत नासिक में हुई।
महाराष्ट्र स्वाइन फ्लू नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा कि इन सभी की मौत महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर पुणे के ससून अस्पताल में हुई।
गौतम शेलार को तीन-चार दिन पहले गंभीर हालत में इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को लगभग 4.45 बजे उसकी मौत हो गई।
नीता मेघानी को चार दिन पहले गंभीर हालत में ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार दोपहर उसकी मौत हो गई।
बाबू गेनु कुलंद की सुबह करीब 11 बजे ससून अस्पताल में मौत हो गई। पुणे नगर निगम (स्वास्थ्य विभाग) के प्रमुख एस.आर. परदेशी ने बताया कि पुणे के समीप पिंपरी के निवासी बाबू को तीन दिन पहले गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पिंपरी के ही संजय मिस्त्री (35) को गत रविवार को गंभीर हालत में ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी मौत बुधवार सुबह हो गई। उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था।
श्रावणी देशपांडे की बुधवार सुबह करीब 3 बजे मौत हो गई। उसे तीन दिन पहले निमोनिया से पीड़ित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उनके भी स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने का पता चला। उसके बाद उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था।
उधर, नासिक सिविल अस्पताल में स्वाइन फ्लू से राकेश गरगुंडे नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई। अस्पताल के सर्जन ए. डी. भाल सिंह ने बताया कि बुधवार तड़के तीन बजे के आसपास गरगुंडे की मौत हुई। उन्हें दो दिन पहले बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें भी जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। उनके स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने की जानकारी अस्पताल को मंगलवार देर रात को मिली थी।
महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू के कारण बुधवार को यह पांचवीं मौत हुई है। प्रदेश में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें से फ्लू का केंद्र बन चुके पुणे में अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं। मुंबई में दो और नासिक में एक व्यक्ति की मौत हुई है। फ्लू से पहली मौत रिदा शेख की 3 अगस्त हो हुई थी।
महाराष्ट्र में बीमारी के तेजी से प्रसार को देखते हुए सरकार ने इसके उपचार की रणनीति में बदलाव किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) शरवीर गोखले ने कहा कि वर्तमान में टेमीफ्लू की दवा मामले की पुष्टि के बाद दी जाती है जबकि अब यह प्रारंभिक स्तर पर ही दी जाएगी।
गोखले ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में भीड़ को देखते हुए मुंबई में 22 और पुणे में नौ निजी अस्पतालों ने फ्लू के मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की पहल की है।
नई दिल्ली में संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) विनीत चौधरी ने कहा कि एन95 मास्क पहनने की सभी को जरूरत नहीं है। यह केवल उन्हीं के लिए जरूरी है जो जांच केंद्र पर जाते हैं या फ्लू से प्रभावित हैं। इसकी कालाबाजारी करने वालों के साथ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
(IANS)