नेवार्क हवाईअड्डे पर 15 अगस्त को दो घंटे तक हिरासत में रखे जाने के चौथे दिन यहां लौटे शाहरुख ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मुझे कानून व प्रशासन से डर लगता है इसीलिए मैं जिस देश में जाता हूं उस देश के नियम कायदों का पालन करता हूं। जब मैं अमेरिका में रहता हूं तो मुझे देश के भीतर यात्रा करने के लिए सुरक्षा कारणों से कम से कम दो घंटे पहले सूचित करना पड़ता है-वे मुझसे कपड़े और जूते उतारने के लिए कहते हैं और मैं ऐसा करता हूं। लेकिन, मेरे साथ ऐसा व्यवहार कभी नहीं किया गया था।"
उन्होंने कहा, "कुछ नियमित सुरक्षा कदम उठाए जाते हैं-वे आपका फिंगर प्रिंट लेते हैं और आपकी रेटिना को स्कैन करते हैं। लेकिन नियमित सुरक्षा प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता। इसके बजाय प्रशासन ने मुझसे बिना मतलब के सवाले पूछे। मैं यहां कोई शिकायत नहीं कर रहा हूं लेकिन क्यों नहीं नियमित सुरक्षा के कदम उठाए गए।"
शाहरुख ने कहा, "किसी भी देश की सुरक्षा जरूरी है लेकिन सुरक्षा की इंतजाम में जाति, धर्म या नस्ल नहीं आना चाहिए। आप मुझे एक बड़ा स्टार, सितारा कह सकते हैं लेकिन मूल रूप से मैं एक समान्य व्यक्ति हूं। लेकिन मैं भाग्यशाली हूं कि मैं भारतीय दूतावास में अपने दोस्तों से संपर्क कर सका। लेकिन सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिनके पास यह संपर्क उपलब्ध नहीं है।"
शाहरुख ने इससे इंकार किया कि उनको हिरासत में लिए जाने का मामला उनकी आने वाली फिल्म 'माई नेम इज खान' के प्रचार के लिए एक स्टंट है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मुझे पब्लिसिटी की जरूरत है।"
समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव अमर सिंह द्वारा इस घटना को फिल्म के प्रचार से जोड़ने पर शाहरुख ने कहा, "अमर सिंह बीमार हैं और मैं मजबूत दिमाग और ताकतवर शरीर के साथ उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"
(IANS)