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किताब के चलते जसवंत नपे, लेकिन बिक्री ने उड़ान भरी

शिमला, 20 अगस्त

पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने अपनी पुस्तक 'जिन्ना-भारत, विभाजन, आजादी' में आखिर ऐसी क्या बातें लिख दी हैं कि जिसके चलते शिमला में चिंतन बैठक करने आई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उन्हें निष्कासित करना पड़ गया। शिमला के लोगों की इस उत्सुकता ने प्रदेश में उनके किताबों की बिक्री में उड़ान भर दिया है।

मिनेरवा बुक डिपो के राजेन्द्र अग्रवाल कहते हैं, "जसवंत सिंह की पुस्तक शिमला में हॉट केक की तरह बिक रही है। मैंने सिर्फ एक दिन में इस पुस्तक की 20 प्रतियां बेची हैं।"

वह कहते हैं, "पिछले 30 सालों से मैं इस व्यवसाय से जुड़ा हूं लेकिन आज तक मैंने किसी अन्य लेखक की किसी किताब को लेकर लोगों की ऐसी प्रतिक्रिया नहीं देखी थी।"

एशिया बुक डिपो के अशोक कुमार किंजर इस पुस्तक की पहली खेप पहले ही मंगवा चुके हैं और उन्होंने स्टॉक के लिए और आर्डर भी दे दिया है। वह कहते हैं, "मंगलवार को एक वितरक से मैंने 10 किताब मंगवाए थे। अभी तक मैं छह किताबें बेच चुका हूं। किताब की बढ़ती मांग को देखते हुए और और किताब मंगवाए हैं।"

पुस्तक खरीदने के बाद श्वेता भंडारी कहती हैं, "इस किताब को खरीदने का मेरा मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि आखिर ऐसा लिखा है जसवंत सिंह ने जो पार्टी को उनके जैसे वरिष्ठ नेता को निष्कासित करना पड़ गया। मैंने सिर्फ अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए 695 रुपये में यह पुस्तक खरीदी।"

(IANS)


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