स्टॉकहोम, 21 अगस्त
भारत समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में स्वच्छता की अलख जगाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिन्देश्वर पाठक को गुरुवार को इस वर्ष के ‘स्टॉकहोम वाटर प्राइज’ से सम्मानित किया गया। इसे पर्यावरण के क्षेत्र का नोबल पुरस्कार कहा जाता है।
स्थानीय सिटी हॉल में गुरुवार शाम एक रंगारंग पुरस्कार समारोह में स्वीडन के राजकुमार कार्ल फिलिप ने पाठक को ‘स्टॉकहोम वाटर प्राइज’ से सम्मानित किया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें 1,50,000 डॉलर और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
यह पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद पाठक ने आईएएनएस से कहा, "स्वच्छता हमारे समय का सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख संकट है। यह एक बड़ी चुनौती जिससे निपटने के लिए हम सभी को काम करना होगा।"
स्टॉकहोम इंटरनेशनल वाटर इंस्टीट्यूट (एसआईडब्ल्यूआई) के कार्यकारी निदेशक एंडर्स बर्नटेल ने कहा, "स्वच्छता और रोग के बीच का संबंध बहुत ही नाटकीय और महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद स्वच्छता के क्षेत्र में हमारी प्रगति की जो मौजूदा दर है उसे देखते हुए लगता है कि वर्ष 2015 का सहस्राब्दी विकास लक्ष्य हम हासिल नहीं कर पाएंगे। इसके लिए मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है।"
पुरस्कार चयन समिति ने पाठक के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा, "पाठक के प्रयास इस बात का जीता-जीता जागता उदाहरण है कि किस तरह कोई अकेला व्यक्ति लाखों की जिंदगी सुखद बना सकता है। पाठक के इस प्रयास को न केवल वे लोग ही जानते हैं, जिन्हें उनके प्रयास से नारकीय जिंदगी से मुक्ति मिली बल्कि पूरी दुनिया उनके प्रयास को सलाम करती है।"
(IANS)