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फिल्म 'मद्रास कैफे' पर प्रतिबंध की मांग, जॉन अब्राहम ने कहा, नहीं हटायेंगे सीन

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22 Aug, 2013
एक्टर जॉन अब्राहम के प्रोडक्शन वाली दूसरी फिल्म 'मद्रास कैफे' को लेकर विवाद छिड़ गया है. तमिल समर्थक समूह प्रतिबंधित लिट्टे की कथित रूप से नकारात्मक छवि पेश करने के खिलाफ फिल्म का विरोध कर रहे हैं. 'मद्रास कैफे' में तमिलों को आतंकवादी के रूप में दिखाने पर जोरदार राजनीति भी हो रही है. इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस से कहा है कि फिल्म की पृष्ठभूमि को लेकर 'विचारों' पर वह अपनी प्रतिक्रिया दे और साथ ही पार्टी ने इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है. पार्टी ने कहा कि इसको रिलीज किए जाने के 'अवांछित परिणाम' होंगे.
उधर जॉन अब्राहम ने 'मद्रास कैफे' से किसी भी दृश्य को हटाने से इंकार कर दिया है और आश्चर्य जताया कि किसी को भी फिल्म से समस्या क्यों है जबकि सेंसर बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी है.
बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पोन राधाकृष्णन ने कहा कि तमिलों को आतंकवादी के रूप में दिखाकर यह जासूसी फिल्म उनका अपमान करती है जबकि यह श्रीलंका का समर्थन करती है.
उन्होंने कहा, 'यह निंदनीय है कि जिन लोगों को श्रीलंकाई तमिलों की कठिनाईयों और दयनीय स्थिति के बारे में पता नहीं है वे श्रीलंका के समर्थन में फिल्म बना रहे हैं जबकि तमिलों को आतंकवादी बता रहे हैं. कांग्रेस को उन बातों का जवाब देना होगा कि फिल्म का निर्माण पार्टी के सहयोग से हुआ है और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के आशीर्वाद से यह बना है.' उन्होंने कहा कि यह मुद्दा तब आया है जब राज्य के सभी राजनीतिक दल मांग कर रहे हैं कि तमिल मुद्दे को देखते हुए नवंबर में श्रीलंका में होने वाले कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग (चोगम) में भारत शामिल नहीं हो.
राधाकृष्णन ने बयान में कहा, 'समझा जाता है कि फिल्म को रिलीज करने से अवांछित परिणाम सामने आएंगे. इसलिए बीजेपी जोर दे रही है कि फिल्म को देश के किसी भी हिस्से में रिलीज नहीं किया जाए.' उन्होंने कहा कि चोगम की बैठक कोलंबो में नहीं होनी चाहिए और अगर बैठक वहां होती है तो भारत का प्रतिनिधित्व नहीं होना चाहिए.
इस बीच सिटी लॉ कालेज के छात्रों ने 23 अगस्त को रिलीज होने वाली फिल्म के विरोध में प्रदर्शन किया. उन्होंने इसको रिलीज करने के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की. उनका दावा है कि फिल्म में लिट्टे की खराब छवि पेश की गई है.
उधर द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि का कहना था कि राज्य सरकार पता करे कि आरोप सही हैं या नहीं और फिर उपयुक्त कार्रवाई करे.
एमडीएमके प्रमुख वाइको और नाम थामीझार काची के नेता सीमान ने अब्राहम अभिनीत फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है जिन्होंने 80 और 90 के दशक में सरकार और लिट्टे के बीच लड़ाई के दौरान भारतीय खुफिया एजेंट की भूमिका निभाई है.
नाम थामीझार काची ने जुलाई में पुलिस को शिकायत देकर मांग की थी कि फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं किया जाए. उन्होंने संभावित कानून-व्यवस्था की समस्या का हवाला दिया था.
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