23 मई 2011
काबुल/इस्लामाबाद/नई दिल्ली। तालिबान नेता मुल्ला उमर की मौत को लेकर सोमवार को तमाम तरह की खबरें आती रहीं। अफगानिस्तान के एक टेलीविजन चैनल ने उमर के पाकिस्तान में मारे जाने का दावा किया तो पाकिस्तानी तालिबान ने तुरंत इसका खंडन किया। वहीं, भारतीय गृह मंत्री ने अफगान प्रशासन से उमर की मौत के बारे में खबरें मिलने की बात कही।
अफगानिस्तान के 'तोलो' समाचार चैनल के हवाले से खबर मिली है कि, "मुल्ला उमर क्वेटा से उत्तरी वजीरिस्तान जाते समय मारा गया।" चैनल ने हालांकि इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि वह कैसे और किसके हाथों मारा गया।
इस बीच एक सुरक्षा अधिकारी ने भी उसके मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा, "यह सही है कि मुल्ला उमर मारा गया है।"
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने उमर को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए एक कारोड़ डॉलर के पुरस्कार की घोषणा की थी। उमर 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के दौरान उसका प्रमुख रह चुका है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने कहा कि उमर पाकिस्तान के क्वेटा शहर से गायब है। उमर के क्वेटा शहर में छिपे होने की लगातार खबरें आती रही हैं।
अफगानिस्तान मीडिया को खुफिया एजेंसी के अधिकारी लुटफुल्ला मशाल के हवाले से ज्ञात हुआ है कि, "हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि वह (उमर) पिछले तीन-चार दिन से क्वेटा में अपने ठिकाने से गायब है।"
उधर, नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने संवाददाताओं से कहा, "इस बारे में 'विरोधाभासी रिपोर्ट' हैं। लेकिन आज अफगान प्रशासन ने खुलासा किया कि वह मारा गया। हमें देखना होगा कि यह सच है या नहीं।"
वहीं, अफगान तालिबान से नजदीकी सम्बंध रखने वाले पाकिस्तान तालिबान ने तुरंत उमर के मारे जाने की खबरों का खंडन किया और कहा कि ऐसी रिपोर्ट सही नहीं है।
पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, "तहरीक-ए-तालिबान मुल्ला उमर के मारे जाने का कड़ाई से खंडन करता है.. जैसा कि अफगान खुफिया एजेंसी ने दावा किया है।"
एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के पूर्व खुफिया प्रमुख हामिद गुल उस वक्त उमर के साथ थे, जब उस पर हमला किया गया। गुल ने हालांकि इससे इंकार किया है। उनकी गिनती अमेरिका विरोधियों में होती रही है।
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