27 अगस्त 2011
चेन्नई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के आरोपी 9 सितंबर को फांसी दी जाएगी। राजीव गांधी हत्याकांड में अभियुक्त लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) के सदस्य मुरुगन, सांतन और पेरारिवलन को सजा-ए-मौत मिली है। ये तीनों इस समय तमिलनाडु की वेल्लूर जेल में बंद हैं। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 11 अगस्त को ही तीनों की दया याचिका को खारिज कर दिया था।
शुक्रवार को ही वेल्लूर जेल के अधीक्षक आर अरिवुदेनम्बी को मुरुगन, सांतन और पेरारिवलन की सजा-ए-मौत पर अमल का आधिकारिक आदेश प्राप्त हुआ। जेल अधीक्षक अरिवुदेनम्बी के मुताबिक, 'हमने दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की तारीख बता दी है। उन्हें 9 सितंबर की सुबह फांसी दी जाएगी।' उन्होंने बताया कि फांसी के आदेश के बाद से ही जेल के अंदर दोषियों की गतिविधि अब प्रतिबंधित कर दी जाएगी। यदि वे कोई किताब पढ़ने की इच्छा जताते हैं तो वह उन्हें उनकी सेल में ही उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्हें इसके लिए लाइब्रेरी जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। जेलर के मुताबिक उन्हें सिर्फ अपने परिजनों से मिलने की इजाजत होगी।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष व तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की कि वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में मौत की सजा पाए तीनों दोषियों को माफ कर दे। करूणानिधि ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, "सत्ताधारी कांग्रेस और उसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी को तीनों का जीवन बचाने के लिए सामने आना चाहिए।"उन्होंने कहा कि इनका जीवन बचाने के लिए हरसम्भव कदम उठाया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि 21 मई,1991 को श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। एलटीटीई की एक महिला आत्मघाती हमलावर धनु ने उनके करीब जाकर खुद को विस्फोट से उड़ा दिया था। 1998 में स्पेशल कोर्ट ने मुरुगन,सांतन,पेरारिवलन और मुरुगन की पत्नी नलिनी समेत इस हत्याकांड के सभी 26 अभियुक्तों को मौत की सजा सुनाई थी। 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने चारों की मौत की सजा बरकरार रखी थी। लेकिन, अन्य दोषियों की सजा कम कर दी थी। जेल में मां बनी नलिनी की दया याचिका पर उसकी मौत की सजा बाद में उम्रकैद में तब्दील कर दी गई थी। राजीव गांधी की विधवा सोनिया ने भी नलिनी को मौत की सजा नहीं देने की सिफारिश की थी।
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