14 जून 2012
डबलिन। मस्तिष्क में सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर आपके बचपन में आपके पेट में मौजूद बैक्टेरिया की मात्रा से नियंत्रित होता है। सेरोटोनिन हार्मोन को खुशी का हार्मोन कहा जाता है और इसका सम्बंध एक वयस्क के मस्तिष्क के सामान्य प्रदर्शन से है। सेरोटोनिन, इंसान के व्यवहार और भावना में आई तब्दीली के लिए जिम्मेदार होता है, जो तनाव, क्रोध और अवसाद की स्थिति में अलग तरह से काम करता है। कई औषधियां अपना असर छोड़ने के लिए इसी पर असर डालती है।
विज्ञान पत्रिका मोलीक्यूलर साइकिएट्री की रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी कॉलेज कोर्क, आयरलैंड के एलिमेंट्री फार्माबायोटिक सेंटर के वैज्ञानिकों ने कीटाणुमुक्त चूहे पर शोध करके यह दिखाने की कोशिश की, कि किस तरह शुरुआती जीवन में बैक्टीरिया की कमी वयस्क होने पर मस्तिष्क में सेरोटेनिन के केंद्रित होने को प्रभावित करता है।
विश्वविद्यालय कॉलेज के बयान के मुताबिक मादा चुहिया की अपेक्षा नर चूहे पर यह प्रभाव अधिक होता है।
कोर्क विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और इस शोध से जुड़े वैज्ञानिक जॉन एफ. क्रायन के अनुसार, बतौर स्नायु वैज्ञानिक मुझे यह निष्कर्ष काफी रोमांचित कर रहा है क्योंकि यह बताता है कि पेट के ये बैक्टिरिया पेट और मस्तिष्क के बीच परस्पर संचार बनाने में भूमिका निभाते हैं।
उनके मुताबिक मस्तिष्क सम्बंधी गड़बड़ियों के इलाज में यह निष्कर्ष उपयोगी हो सकता है।
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