9 मई 2012
बांदा। उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था कितनी लचर और लापरवाह है इसका ताजा मामला इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शिक्षकों की नियुक्ति में सामने आया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद ने गणित विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम ऐसे अध्यापकों को सौंपा है जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
हाल ही में सम्पन्न उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद की परीक्षा में बांदा जिले में गणित विषय की इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का जिम्मा उन शिक्षकों को सौंपा गया है, जिनका निधन हो गया है। इनमें सरस्वती इंटर कॉलेज बांदा के शिक्षक निर्भय शिवहरे का नाम भी है। शिवहरे की मौत पिछले माह परीक्षा ड्यूटी से वापस लौटते समय एक सड़क दुर्घटना में हो चुकी है। इसी कॉलेज के एक शिक्षक प्रमोद कुमार अध्यापन कार्य छोड़ एक दूसरे विभाग में नौकरी कर रहे हैं।
आदर्श किसान इंटर कॉलेज के गणित शिक्षक राजेन्द्र प्रसाद और आदर्श बजरंग इंटर कॉलेज के गणित प्रवक्ता रहे स्व़ पशुपतिनाथ का भी निधन हो चुका है। इन सभी मृत शिक्षकों को इंटरमीडिएट की गणित विषय की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए नियुक्त किया गया है। इस गड़बड़ी पर जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस), बांदा मोहम्मद इब्राहिम ने बताया, "यह बोर्ड की गलती से हुआ है। मृत शिक्षकों की जगह अन्य शिक्षकों का नाम भेजकर अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।"
इब्राहिम ने हालांकि, यह नहीं बताया कि किसने बोर्ड में मृत शिक्षकों की सूची भेजी।
जिलाधिकारी, बांदा शीतल वर्मा ने बताया, "मामला संज्ञान में है, जिला विद्यालय निरीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मृत शिक्षकों का नाम हटाकर अन्य को शामिल किया जाएगा। साथ ही दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा।"
उधर, समाजवादी शिक्षक महासभा के जिलाध्यक्ष रामधनी यादव ने कहा, "डीआईओएस कार्यालय की यह पहली गलती नहीं है। अधिकारी के हस्ताक्षर से ही मूल्यांकन कार्य के लिए चयनित शिक्षकों की सूची शिक्षा परिषद को भेजी जाती है।"
उन्होंने बताया कि इस गड़बड़ी की शिकायत माध्यमिक शिक्षा परिषद के प्रमुख सचिव से की गई है।
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