31 मई 2011
पटना। बिहार के गोपालगंज जेल में कैदियों की पिटाई से जेल चिकित्सक की हुई मौत के विरोध में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ की ओर से किए गए 24 घंटे के कार्य बहिष्कार का राज्य में चिकित्सा सेवा पर प्रतिकूल असर पड़ा है। चिकित्सक राज्य में चिकित्सक सुरक्षा कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं।
राज्य में प्रखंड स्तर से लेकर सदर स्तर तक के अस्पतालों के चिकित्सक हड़ताल पर चले गए हैं। इसके कारण आपातकालीन सेवाएं भी ठप्प हो गई हैं और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संघ के महासचिव डा. अजय कुमार ने मंगलवार को कहा कि सरकार को जगाने के लिए यह सांकेतिक हड़ताल की गई है। उन्होंने कहा कि गोपालगंज की घटना के बाद से राज्य के सभी चिकित्सक दहशत में हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल से प्रखंड स्तर से लेकर सदर स्तर तक के अस्पतालों में कामकाज पूरी तरह ठप्प है।
अजय कुमार ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सभी लोगों को सुरक्षा मुहैया कराए। यदि चिकित्सक ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो वे मरीजों का क्या इलाज करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह चिकित्सकों को उचित सुरक्षा मुहैया कराए।
इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि हड़ताल किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सकों की सभी मांगों पर संवेदनशील है।
उल्लेखनीय है कि गोपालगंज जेल में सात कैदियों ने डा. भूदेव सिंह की रविवार को पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
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