8 नवंबर 2011
हरिद्वार (उत्तराखण्ड)। हरिद्वार में आयोजित गायत्री महायज्ञ में मंगलवार पूर्वाह्न् भगदड़ मचने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक घायल हो गए। मरने वालों में 14 महिलाएं और दो पुरुष हैं। मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता राशि की घोषणा की गई है।
हिंदू धर्म के सबसे प्राचीन मंत्र को प्रचारित करने के उद्देश्य से करीब चार लाख श्रद्धालु उपस्थित हुए थे। पांच दिनों तक चलने वाले इस गायत्री महायज्ञ की शुरुआत रविवार को हुई लेकिन आस्था का यह स्थल त्रासदी के मंजर में बदल गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि त्रासदी उस समय हुई जब एक बुजुर्ग महिला यज्ञ एवं धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बंद किए गए क्षेत्र के करीब से गुजरते वक्त फिसल गई और उसके बाद सभी एक-दूसरे पर गिरते चले गए। वहां 1,551 यज्ञ हो रहे थे।
गायत्री परिवार के एक कार्यकर्ता ने हरिद्वार में आईएएनएस को बताया, "महिला के गिरते ही वहां भगदड़ मच गई। भीड़ आगे बढ़ने के लिए धक्का देना जारी रखा और देखते ही देखते लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।"
कार्यकर्ता ने बताया कि भगदड़ में 14 महिलाएं और दो पुरुषों की तुरंत मौत हो गई जबकि घायल चार अन्य लोगों ने शाम के समय दम तोड़ दिया। करीब 40 लोगों को विभिन्न तरह की चोटें आई हैं। मरने वाले ज्यादातर बुजुर्ग हैं जिनकी दम घुटने से मौत हुई।
रविवार से शुरू हुए पांच दिवसीय महायज्ञ का यह तीसरा दिन था। इसे गुरुवार को समाप्त होना था, लेकिन हादसे की वजह से गायत्री परिवार ने अब इसे बुधवार को ही समाप्त करने की बात कही है। मंगलवार को यहां करीब चार लाख श्रद्धालुओं के होने का अनुमान जताया गया है। पांच दिन चलने वाले इस महायज्ञ में दुनियाभर से 50 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद थी।
हादसे के बाद घायलों को एम्बुलेंस से उपचार के लिए ले जाया गया। भगदड़ के बाद लोग सहमे हुए थे।
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि आयोजकों ने उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी कि महायज्ञ में लाखों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचने वाले हैं। लेकिन गायत्री परिवार ने इससे इंकार किया। एक कार्यकर्ता ने कहा, "यह सही नहीं है। उत्तराखण्ड के एक वरिष्ठ मंत्री, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्र के एक मंत्री भी उद्घाटन समारोह में माजूद थे और उन्हें मालूम था कि हम कितना बड़ा आयोजन कर रहे हैं।"
इस बीच, प्रधानमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार और गायत्री परिवार ने मृतकों के परिजनों के लिए वित्तीय सहायता राशि की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने हादसे पर दु:ख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के लिए एक-एक लाख रुपये और गम्भीर रूप से घायल होने वालों को 50-50,000 रुपये की वित्तीय सहायता राशि देने की घोषणा की।
वहीं, भगदड़ की खबर सुनकर दिल्ली से यहां पहुंचे राज्य के मुख्यमंत्री बी. सी. खंडूरी ने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिजनों को दो-दो लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की।
गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पांड्या ने भी हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की।
महायज्ञ में उत्तराखण्ड, गुजरात, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ समाजसेवी अन्ना हजारे और दलाई लामा भी शामिल होने वाले थे।
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