29 सितम्बर 2011
वाशिंगटन। यदि आपका रक्तचाप हल्का सा भी बढ़ा हुआ है तो आपको दिल के दौरे की शिकायत हो सकती है।
'प्रीहाईपरटेंशन' एक ऐसी अवस्था है जिसमें मरीज का रक्तचाप थोड़ा बढ़ा हुआ होता है लेकिन फिर भी उसे सामान्य माना जाता है।
कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडीसिन के एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 'प्रीहाईपरटेंशन' की अवस्था में रहने वाले मरीजों में इस अवस्था में न रहने वाले लोगों की तुलना में दिल के दौरे का जोखिम 55 प्रतिशत ज्यादा होता है।
उच्च रक्तचाप दिल की बीमारियों और दिल के दौरे की मुख्य ज्ञात वजह है लेकिन 'प्रीहाईपरटेंशन' के खतरों के सम्बंध में कम ही जानकारी है।
दिल के दौरे की अवस्था में खून का कोई थक्का या क्षतिग्रस्त धमनी या रक्त वाहिनी खून के मस्तिष्क में प्रवाह में दिक्कत पैदा करते हैं। इसके परिणाम स्वरूप मस्तिष्क को कम ऑक्सीजन और ग्लूकोज मिलता है और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है। इससे आपका बोलना, चलना और याददाश्त प्रभावित होता है।
अध्ययनकर्ता ब्रूस ओव्बिएगील का कहना है कि सामान्य रूप से कहा जाता है कि रक्त दाब अधिक होने से मौत का जोखिम ज्यादा होता है।
अध्ययनकर्ताओं ने 'प्रीहाईपरटेंशन' पर अमेरिका, जापान, चीन और भारत में हुए 12 अध्ययनों की समीक्षा की थी।
इन अध्ययनों में 518,000 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए थे। इन पर 2.7 से लेकर 32 साल तक अध्ययन किए गए। इनमें दिल के दौरे का अध्ययन किया गया।
अध्ययनों में शामिल 25 से 46 प्रतिशत प्रतिभागियों में 'प्रीहाईपरटेंशन' की स्थिति देखी गई।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि प्रीहाईपरटेंशन वाले मरीजों में दिल के दौरे का खतरा अन्य लोगों की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक होता है।
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