9 अगस्त 2011
अहमदाबाद। गुजरात के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट को प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ जाना आखिरकार महंगा पड़ गया। उन्हें सोमवार की देर रात कदाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि भट्ट ने गोधरा कांड के बाद भड़के दंगे के सिलसिले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे।
गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने 22 फरवरी 2011 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था। इस हलफनामें में उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गोधरा कांड के बाद पुसिल को खुली छूट दे दी थी कि वो मुसलमानों को सबक सिखा दें। मोदी पर आरोप है कि वे मुसलमानों के खिलाफ भड़ास निकालना चाहते थे। संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथपत्र में कहा है कि 27 फ़रवरी 2002 को वो एक बैठक में शामिल थे जिसमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहाँ मौजूद पुलिस अफ़सरों से कहा था कि दंगाइयों को नज़रअंदाज़ करें। साथ ही दंगों का शिकार हो रहे लोगों की ओर से मिलने वाली शिकायतों को भी नज़रअंदाज़ करने का आदेश दिया गया था।
लेकिन बाद में आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट द्वारा लगाये गये आरोपों के मामले में नया ट्विस्ट आ गया था। गोधरा कांड के वक्त गुजरात के पुलिस महानिदेशक रहे के चक्रवर्ती ने संजीव भट्ट के आरोपों के सिरे से खारिज कर दिया। एक टेलिविज़न चैनल को दिये अपने इंटरव्यू में चक्रवर्ती ने कहा कि 27 फरवरी, 2002 को जिस मीटिंग में मोदी ने पुलिस अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किये थे, उसमें भट्ट मौजूद ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि जिस मीटिंग का जिक्र संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट को दिये गये हलफनामे में किया है, वो उस मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे। संजीव उस समय एसीपी थे और उन्हें उसमें आमंत्रित नहीं किया गया था। यह पूछने पर कि नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों को सबक सिखाने जैसी कोई बात कही थी या नहीं, चक्रवर्ती ने कहा- नहीं। चक्रवर्ती ने कहा कि चूंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, लिहाजा वो मोदी की बात सशब्द नहीं बता सकते, लेकिन यह जरूर है कि उस समय मोदी ने ऐसा कुछ नहीं कहा था।
हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने 30 अप्रैल को अपने एक बयान में कहा था कि यह गुजरात सरकार का कर्तव्य है कि वह पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट को सुरक्षा मुहैया कराए। चिदम्बरम ने कहा था कि, "मैं सोचता हूं कि यह राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह भट्ट को सुरक्षा उपलब्ध कराए, ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंच सके।"
फिलहाल संजीव भट्ट खुद ही आरोपों के घेरे में आ गये हैं।
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