21 मई 2012
शिकागो। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का 25वां शिखर सम्मेलन रविवार को शिकागो में शुरू हो गया। इसमें नाटो के 28 सदस्य देशों व उनकी सरकारों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं।
शिखर सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि यह गठबंधन सदस्य देशों की आम सुरक्षा व स्वतंत्रता का सुदृढ़ आधार है।
ओबामा ने नाटो द्वारा 2010 में लिस्बन में पिछले शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाई गई नई रणनीति का जिक्र करते हुए कहा, "लिस्बन में हम प्रतिबद्ध थे और शिकागो में हम प्रस्तुत कर रहे हैं।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक अफगानिस्तान व सुरक्षा के प्रति गठबंधन की भविष्य की प्रतिबद्धताएं उसकी शीर्ष प्राथमिकताएं हैं।
ओबामा ने कहा कि गठबंधन सहयोगी नई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए नई क्षमताओं व संसाधनों में निवेश करेंगे और अफगानिस्तान में संक्रमण का अगला चरण अपनाएंगे।
नाटो के वैश्विक सुरक्षा भागीदारी नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए पड़ोसियों व भागीदारों के साथ मुलाकात की जाएगी।
नाटो के महासचिव एंडर्स फॉग रेसमुसेन ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन 21वीं शताब्दी में उत्तर अमेरिका व यूरोप के बीच महत्वपूर्ण सम्बंध की प्रतिबद्धता का नवीकरण करेगा।
रेसमुसेन ने कहा कि शिखर सम्मेलन में साल 2014 के अंत तक अफगानिस्तान को सुरक्षा जिम्मेदारियां सौंपने व इसके बाद भी उसके प्रति सहयोग जारी रखने पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि सहयोगी यह सुनिश्चित करेंगे कि सहयोग की नवीनीकृत संस्कृति के साथ नाटो नई चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में सोमवार को कठिनता के इस दौर में गठबंधन की सुरक्षा क्षमताओं व अफगानिस्तान में संक्रमण पर चर्चा होगी।
शिखर सम्मेलन की उपलब्धियों में साल 2014 के अंत तक अफगानिस्तान के खुद अपनी सुरक्षा जिम्मेदारियां संभालने के बाद नाटो के सहयोगी भूमिका में आने पर फैसला लिया जा सकता है। साल 2013 में इसकी प्रतिबद्धता जतायी गई थी।
नाटो निगरानी के लिए ड्रोन विमानों का एक बेड़ा खरीदने की घोषणा कर सकता है। इसमें हथियारों और प्रशिक्षण सुविधाओं को साझा करने और अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक यूरोप में परमाणु शक्ति संतुलन को बनाए रखने पर चर्चा होगी।
यूरोपीय मिसाइल-रक्षा प्रणाली भी अमेरिका से नाटो कमान को सौंपी जाएगी।
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