भारत मल्होत्रा
सांवली सलोनी सी सूरत। फिगर भी आम नायिकाओं से बिलकुल अलग। उसे देखकर अपने ही मोहल्ले में रहने वाली किसी लड़की का चेहरा सामने आए। भीड़ का हिस्सा, लेकिन उससे बिलकुल अलग। मुस्कान ऐसी कि दांतों की पूरी कतार चमकती नजर आए। सोनाक्षी सिन्हा का नाम सुनते ही ऐसी ही कुछ छवि उभरती है। दबंग की भोली-भाली गांव की गोरी बनने के बाद सोनाक्षी का बिंदास अंदाज राउडी राठौर में काफी पसंद किया गया। सिर्फ दो फिल्मों में काम करने के बाद ही सोनाक्षी की गिनती बी टाउन की चोटी की अदाकराओं में होने लगी है। जल्द ही उनकी तीसरी फिल्म 'जोकर' रिलीज होने वाली है। इस फिल्म में उनके साथ 'राउडी राठौर' अक्षय कुमार ही नजर आएंगे।
हिन्दी फिल्मी जगत में ज्यादातर हीरो ही अपने डॉयलॉग्स पर ही तालियां बटोरते हैं। बहुत कम ऐसा होता है कि किसी नायिका का संवाद न सिर्फ पसंद किया जाए, बल्कि इस कदर लोगों के जेहन में बस जाए कि थप्पड़ और प्यार के बीच के समन्वय की एक नयी परिभाषा ही गढ़ दी जाए। लेकिन, सोनाक्षी सिन्हा ने यह कर दिखाया। फिल्म अभिनेता और राजनीतिज्ञ शत्रुघ्न सिन्हा और पूनम सिन्हा की इस लाडली ने अपनी पहली ही फिल्म से ऐसा धमाल मचाया जो दो साल बाद आई उनकी अगली फिल्म तक जारी रहा। और अभी भी उसकी लज्जत बाकी है। जी, 'थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, प्यार से लगता है' इस एक संवाद ने 'दंबग' सलमान को पूरी टक्कर दी। इस फिल्म में सलमान खान के बोले संवादों को दर्शकों ने खूब पसंद किया, वहीं सोनाक्षी ने भी एक इसी संवाद से लोकप्रियता की ऊंचाईंयां छू लीं।
अभिनय सोनाक्षी को विरासत में मिला। पिता शत्रुघ्न सिन्हा मशहूर अभिनेता और राजनीतिज्ञ हैं। भाई लव भी फिल्मों में किस्मत आजमा चुका है। लेकिन, बावजूद इसके सोनाक्षी को बहुत आसानी से एंट्री मिली हो ऐसा नहीं है। सोनाक्षी पहले बहुत मोटी थी और फिल्मों में काम करने का उनका कोई इरादा नहीं था। वह फैशन डिजाइनर के तौर पर अपना करियर संवारने में जुटी थीं। लेकिन, सलमान की सलाह पर उन्होंने अपना वजन कम करना शुरू किया। 2008 और 2009 में उन्होंने लैक्मे इंडिया फैशन वीक में भी शिरकत की। इसके बाद आया साल 2010। इसी साल सलमान ने उन्हें अपने भाई अरबाज खान के प्रोडक्शन हाउस की फिल्म 'दबंग' में मौका दिया। फिल्म ब्लॉकबस्टर रही और सोनाक्षी हर हिंदुस्तानी घर की पसंद बन गयी। इसके बाद उन्होंने अगले दो साल तक किसी फिल्म में काम नहीं किया, लेकिन चर्चा में वह हमेशा बनी रहीं। साल 2012 में उनकी दूसरी फिल्म 'राउडी राठौर' रिलीज हुयी। इस फिल्म में उनके साथ खिलाड़ी कुमार यानी अक्षय कुमार मौजूद थे। फिल्म ने सफलता ने नए मापदंड तय किए।
हालांकि, सोनाक्षी को परिवार के प्रति समर्पित माना जाता है। वे साफ कर चुकी हैं कि ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगी जिनसे उनके परिवार को दुख पहुंचे। इसलिए सोनाक्षी ने पर्दे पर चुंबन व अन्य अंतरंग दृश्य ने परहेज किया है। लेकिन, उस समय सोनाक्षी का नाम खूब विवादों में आया था जब इंटरनेट पर उनकी एक अर्द्धनग्न तस्वीर प्रसारित की गयी थी। फैशन मैग्जीन 'मैक्सिम' के कवर पेज पर सोनाक्षी की सफेद अंत:वस्त्रों में छपी तस्वीर इंटरनेट पर काफी चर्चित रही। हालांकि, जल्द ही तस्वीर के नकली होने की बात भी सामने आ गयी। लेकिन, तब तक इसे लाखों-करोड़ों लोग देख चुके थे। इसके अलावा अन्य किसी बड़े विवाद से उनका नाम नहीं जुड़ा है।
सोनाक्षी की सबसे खास बात है उनका खालिस हिन्दुस्तानी अंदाज। अन्य हीरोइनों की तरह वे पतली और स्लिम होने में मशगूल नजर नहीं आती। वह कह भी चुकी हैं कि लोगों को उनका यही रूप पसंद आता है और अब वह और वजन नहीं घटाएंगी। उनके अभिनय में प्रवाह है और संवाद अदायगी में सहजता। उनकी आंखें अपने आप में पूरी कहानी कहने में सक्षम हैं। आज के दौर में जब मांसल देह दिखाना ही कई नयी अभिनेत्रियों के लिए कामयाबी का एकमात्र रास्ता बन चुका है, सोनाक्षी अपना अलग रास्ता बना रही हैं। यह तेज धूप में किसी ऐसे पौधे की तरह है, जिसके जल्द ही एक बड़े छायादार पेड़ बनने की उम्मीद की जा रही है। खैर, अभी कुछ भी कहना और उसे सही मान लेना जल्दबाजी होगी, लेकिन सिर्फ दो फिल्में करने के बाद सोनाक्षी की गिनती जिस तरह टॉप की अभिनेत्रियों में होती है। उससे अगर फिल्मी दुनिया के जानकार उनका भविष्य बेहद उज्जवल मानते हैं, तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए।
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