9 जुलाई 2011
जूबा/नई दिल्ली। दक्षिणी सूडान शनिवार को दुनिया का नवीनतम और संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता वाला अफ्रीका का 54वां देश बन गया। हजारों की संख्या में सूडानी नागरिकों ने राजधानी जूबा में आयोजित एक स्वतंत्रता समारोह में अपने राष्ट्रध्वज को लहरा कर खुशी जाहिर की। दुनिया में अब संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रों की संख्या 193 हो गई है।
दक्षिणी सूडान को नए राष्ट्र के रूप में उभरने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को वहां की सरकार और उसके नागरिकों को बधाई दी। दक्षिणी सूडान के राष्ट्रपति साल्वा किर मयारडिट को लिखे पत्र में मनमोहन सिंह ने कहा, "इस महत्वपूर्ण और खुशी के मौके पर भारत सरकार और यहां के लोगों की ओर से मैं दक्षिणी सूडान की सरकार और वहां के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।"
राजधानी जूबा में एक रंगारंग समारोह में राष्ट्रपति सल्वा कीर मायारडिट ने दक्षिणी सूडान के स्वतंत्र राष्ट्र बनने की घोषणा की। दक्षिणी सूडान दशकों के गृहयुद्ध के बाद नया राष्ट्र घोषित किया गया। इस संघर्ष में करीब 20 लोगों को अपने जान न्योछावर करने पड़े।
ज्ञात हो कि दक्षिणी सूडान की आजादी के लिए हुए जनमत संग्रह को सूडान द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद दक्षिणी सूडान दुनिया का 193वां देश बन गया है। इसके साथ ही सूडान और दक्षिणी सूडान के बीच हुए शांति समझौते से देश में गृह युद्ध का अंत हो गया।
आजादी के मौके पर राजधानी जूबा में नौ जुलाई को आयोजित समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दक्षिणी सूडान के साथ अपने विकास के अनुभव को साझा और सम्भावित मदद करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के आपसी हितों के लिए हमारा आपसी सहयोग बढ़ेगा।" प्रधानमंत्री ने कहा, "दक्षिणी सूडान के साथ सभी गतिरोध वाले मुद्दों को शांतिपूर्वक और सौहाद्र्रपूर्ण तरीके से सुलझाने की आपकी प्रतिबद्धता की हम प्रशंसा करते हैं।
ज्ञात हो कि भारत ने दक्षिणी सूडान को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों व ग्रामीण प्रौद्योगिकी उद्यानों जैसी क्षमता विकास परियोजनाओं के लिए 50 लाख डॉलर की सहायता देने की हाल ही में घोषणा की थी।
वेबसाइट 'बीबीसी डॉट को डॉट यूके' के मुताबिक समारोह में उपस्थित प्रमुख लोगों में सूडान के राष्ट्रपति उमर अल-बशीर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी शामिल थे। लम्बे समय तक चले गृह युद्ध के बाद वर्ष 2005 में हुए शांति समझौते के कारण दुनिया के इस नवीनतम देश का जन्म सम्भव हो सका है।
सूडान पहुंचने से पहले रास्ते में विमान में सवार पत्रकारों से बातचीत करते हुए अंसारी ने कहा कि अफ्रीकी देश भारत के अनुभव से लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर जूबा में भारत की उपस्थिति खासतौर से सूडान के साथ और पूरे अफ्रीका के साथ युगों पुराने सम्बंधों को जाहिर करती है।
बीबीसी के मुताबिक लोग अपनी तमाम समस्याओं को किनारे रखते हुए जश्न मना रहे हैं। वे सड़कों पर ड्रम बजाते हुए राष्ट्रपति साल्वा किर मयारडिट के समर्थन में नारेबारी कर रहे हैं।
जूबा में जश्न की शुरुआत आधी रात (नौ बजे) से हुई। शहर के मध्य में उलटी गिनती के लिए लगी घड़ी जैसे ही शून्य पर पहुंची, नया राष्ट्रगान टेलीविजन पर बजने लगा।
शनिवार को आयोजित स्वतंत्रता समारोह में दक्षिणी सूडान विधानसभा के अध्यक्ष जेम्स वानी इग्गा ने दक्षिणी सूडान की आजादी का घोषणा पत्र पढ़ा। उसके बाद उपस्थित जनसमूह खुशियों से झूम उठा, क्योंकि सूडान का राष्ट्रध्वज झुका दिया गया और दक्षिणी सूडान का ध्वज फहरा दिया गया।
समारोह में हिस्सा लेने वाले अन्य लोगों में पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री कोलिन पावेल, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि सुसान राइस, औैर अफ्रीकी कमान के अमेरिकी सैन्य प्रमुख जनरल कार्टर हैम शामिल थे।
समग्र शांति समझौते के तहत जनमत संग्रह करवाया गया, जिसमें 99 फीसदी से अधिक लोगों ने स्वतंत्रता के पक्ष में मतदान किया। नए देश के पास तेल का काफी भंडार है, लेकिन यह दुनिया का एक अल्प विकसित देश है। यहां पर पांच साल से कम उम्र के हर सातवें बच्चे की मौत हो जाती है।
उत्तरी और दक्षिणी सूडान के बीच दशकों तक चले संघर्ष में करीब 20 लाख लोग मारे जा चुके हैं। इससे पहले दक्षिणी सूडान के औपचारिक रूप से 54वां अफ्रीकी राष्ट्र बनने से एक दिन पूर्व सूडान ने उसे मान्यता दे दी।
खार्तूम में सरकारी टीवी पर शुक्रवार को राष्ट्रपति कार्यालय मामलों के मंत्री बक्री हसन सालेह ने कहा, "सूडान गणराज्य, दक्षिणी सूडान गणराज्य को एक स्वतंत्र देश के रूप में एक जनवरी 1956 को परिभाषित सीमा के मुताबिक मान्यता की घोषणा करता है।"
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