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विश्व कप : टीम इंडिया ने बांग्लादेश से हिसाब चुकता किया

cricket world cup 2011, india vs bangladesh

19 फरवरी 2011

मीरपुर (ढाका)। खिताब का प्रबल दावेदार मानी जा रही भारतीय क्रिकेट टीम ने ढाका के करीब मीरपुर में स्थित शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में शनिवार को खेले गए आईसीसी विश्व कप-2011 के अपने पहले मुकाबले में बांग्लादेश को 87 रनों से हराकर अपने अभियान का शानदार आगाज किया है।

भारत ने न सिर्फ ग्रुप-बी में जीत के साथ खाता खोला है बल्कि उसने बांग्लादेश से 2007 विश्व कप के पहले मैच में मिली हार का हिसाब भी बराबर कर लिया। 2003 विश्व कप का फाइनल खेलने वाली भारतीय टीम बांग्लादेश के हाथों मिली हार के बाद अपने अगले मैच में श्रीलंका से हारकर विश्व कप से बाहर हो गई थी।

इस अहम मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश के सामने 371 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था। जवाब में बांग्लादेश ने तमीम इकबाल (70) और इमरुल कायेस (34) की अच्छी पारियों की बदौलत ठोस और विस्फोटक शुरुआत की थी। इसके बाद जुनैद सिद्दीकी (37) और कप्तान शाकिब अल हसन (55) ने भी बेहद ठोस पारियां खेली लेकिन बड़े लक्ष्य के दबाव के आगे मेजबान टीम अपेक्षित रन रेट के अनुसार रन नहीं बटोर सकी और निर्धारित 50 ओवरों की समाप्ति के बाद नौ विकेट पर 283 रन ही बना सकी।

शानदार फार्म में चल रहे तमीम ने अपनी 86 गेंदों की पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया जबकि कायेस ने जोरदार ढंग से खेलते हुए 29 गेंदों पर सात चौको की मदद से 34 रन बटोरे। हरभजन सिंह की गेंद पर महेंद्र सिंह धौनी के हाथो स्टम्प होने से पहले सिद्दीकी ने भी 52 गेंदों पर एक चौका और एक छक्का लगया लेकिन वह अपनी टीम के लिए जरूरी आधार नहीं तैयार कर सके।

शाकिब ने कप्तानी पारी खेलते हुए 50 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 55 रन बनाए लेकिन बड़े स्कोर के दबाव में वह भी अपने रन संख्या को आगे नहीं बढ़ा सके। कुल मिलाकर बांग्लादेश के लिए 371 रनों का लक्ष्य मुश्किल का सबब बना क्योंकि ऐसे लक्ष्य को हासिल करने के लिए विकेट बचाने के साथ-साथ शुरुआत से कम से कम सात रन प्रति ओवर जुटाने होते हैं। इस लिहाज से बांग्लादेश के लिए अनुभव कम पड़ा और विश्व कप में अपना अब तक का सर्वोच्च स्कोर बनाने के बावजूद वह यह मैच हार गया।

बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम ने 30 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 25 रन बनाए जबकि महमुदुल्लाह (6), नईम इस्लाम (2) और अब्दुर रज्जाक (1) के पास इतना अनुभव नहीं था कि वे दबाव के इस क्षण में अपनी टीम को जीत तक पहुंचा सकें। रकीबुल हसन ने संघर्ष करते हुए 28 गेंदों पर एक छक्के की सहायता से नाबाद 28 रन बनाए जबकि रुबेल हसन एक रन बनाकर नाबाद रहे।

भारत की ओर से मुनाफ पटेल ने सर्वाधिक चार विकेट झटके जबकि जहीर खान को दो सफलता मिली। यूसुफ पठान और हरभजन सिंह ने एक-एक विकेट लिया। शांताकुमारन श्रीसंत ने बेहद निराश किया। उन्होंने अपने पांच ओवरों में 53 रन लुटाए। युवराज सिंह ने भी सात ओवरों में 42 रन दिए और विकेट के लिए तरसते रह गए।

175 रन बनाने वाले सहवाग को मैन ऑफ द मैच चुना गया। भारत को अपना दूसरा मैच 27 फरवरी को बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में इंग्लैंड के साथ खेलना है। यह मैच कोलकाता के ईडन गरडस स्टेडियम में खेला जाना था लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण इसे बेंगलुरू स्थानांतरित कर दिया गया।

मैच के बाद धौनी ने कहा कि वह टीम के प्रदर्शन से खुश हैं लेकिन क्षेत्ररक्षण में सुधार की जरूरत है। कप्तान ने कहा कि गेंदबाजों के लिए हालात विपरीत थे लेकिन इसके बावजूद गेंदबाजों ने अच्छा खेल दिखाया। कप्तान ने कहा कि बल्लेबाजों के प्रदर्शन से वहं खुश हैं क्योंकि उन्होंने जिस तरह से साझेदारियां निभाईं वह काबिलेतारीफ है।

धौनी ने कहा, "हमारे लिए आने वाले मैचों में भी अच्छी शुरुआत जरूरी है। उसी पर काफी कुछ निर्भर करेगा। हम कई विभाग में सुधार चाहेंगे लेकिन कुल मिलाकर हम अपने प्रदर्शन से खुश हैं। हम चाहते हैं कि अगले मैच से पहले मिले आठ दिन के समय को हम खुद को फिट रखने में लगाएं क्योंकि आने वाले मैच काफी अहम हैं।"

मेजबान कप्तान शाकिब ने कहा कि बल्लेबाजों ने अच्छा खेल दिखाया लेकिन उनकी टीम पावर-प्ले में भारतीय बल्लेबाजों पर लगाम नहीं लगा सकी। इसी से सबसे अधिक नुकसान हुआ। इसमें सहवाग ने काफी अहम भूमिका निभाई।

मैन ऑफ द मैच सहवाग ने कहा कि यह भारतीय टीम के लिए अच्छी शुरुआत है। सहवाग ने कहा, "बांग्लादेश मेरे दिमाग में था लेकिन मैं जानता था कि एकदिवसीय मैचों में वह अच्छा कर सकता है। मुझे कहा गया था कि जब अच्छी शुरुआत हो जाए तो कम से कम 30 ओवर तक विकेट पर टिके रहो। मैंने यही किया। मैं अपनी फिटनेस के लिए फिजियो और ट्रेनर का शुक्रिया अदा करता हूं।"

इससे पहले, अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय पारी खेलने वाले दिग्गज सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (175) और विश्व कप के पहले ही मैच में शतक लगाने वाले विराट कोहली (नाबाद 100) के सराहनीय प्रदर्शन की बदौलत भारत ने बांग्लादेश के सामने 371 रनों का लक्ष्य रखा।

टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने निर्धारित 50 ओवरों की समाप्ति पर चार विकेट के नुकसान पर 370 रन बनाए। सहवाग ने 140 गेंदों की अपनी तूफानी पारी के दौरान 14 चौके और पांच गगनचुम्बी छक्के लगाए जबकि चौथे क्रम की जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए कोहली ने 83 गेंदों पर आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से 100 रनों की नाबाद पारी खेली।

पारी की पहली ही गेंद के साथ शानदार लय में दिख रहे सहवाग अपने एकदिवसीय करियर का 14वां और विश्व कप का दूसरा शतक लगाने में सफल रहे। यह उनका सर्वोच्च व्यक्तिगत योग है। सहवाग ने इस पारी के दौरान अपने पिछले व्यक्तिगत सर्वोच्च स्कोर (146) को पीछे छोड़ा।

सहवाग ने विश्व कप में अब तक की पांचवीं सबसे बड़ी पारी खेली। वह एक रन के अंतर से कपिल देव का रिकार्ड नहीं तोड़ सके। कपिल ने 1983 विश्व कप के दौरान जिम्बाब्वे के खिलाफ 175 रनों की नाबाद पारी खेली थी। कपिल देव के बाद सहवाग ने विश्व कप में भारत की ओर से दूसरी सबसे बड़ी पारी खेली। पहले स्थान पर सौरव गांगुली (183) हैं।

सहवाग और कोहली की शतकीय पारियों के अलावा सर्वाधिक एकदिवसीय मैच खेलने का श्रीलंका के सनत जयसूर्या (444 मैच ) का रिकार्ड अपने नाम करने वाले सचिन तेंदुलकर ने 28 और गौतम गम्भीर ने 39 रनों का योगदान दिया। 445वां एकदिवसीय मैच खेल रहे तेंदुलकर ने सहवाग के साथ पहले विकेट के लिए 69 रन जोड़े जबकि गम्भीर ने सहवाग के साथ दूसरे विकेट के लिए 83 रनों की साझेदारी की।

इस मैच की खासियत कोहली और सहवाग के बीच तीसरे विकेट के लिए की गई 203 रनों की साझेदारी रही। मीरपुर में यह किसी भी टीम का सर्वोच्च योग है। साथ ही विश्व कप में भारत का यह तीसरा और सभी टीमों के बीच पांचवां सर्वश्रेष्ठ योग है। भारत के नाम विश्व कप में 400 रन बनाने का रिकार्ड है।

तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी के लिए मशहूर यूसुफ पठान (8) के लिए इस मैच में ज्यादा कुछ करने को नहीं था। कोहली के साथ चौथे विकेट के लिए 15 गेंदों पर 15 रन जोड़ने के बाद पठान पारी की अंतिम गेंद पर आउट हुए। उन्हें शैफुल इस्लाम ने विकेट के पीछे मुशफिकुर रहीम के हाथों कैच कराया। सहवाग का विकेट 355 रन के कुल योग पर गिरा। सहवाग को बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने बोल्ड किया।

भारत ने 152 रन के कुल योग पर गम्भीर के रूप में अपना दूसरा विकेट गंवाया था। गम्भीर 39 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 39 रनों की उपयोगी पारी खेलने के बाद महमुदुल्लाह की गेंद पर बोल्ड हुए। वह महमुदुल्लाह की सीधी गेंद को पढ़ नहीं सके।

भारत ने तेंदुलकर के रूप में पहला विकेट गंवाया था। तेंदुलकर अच्छी शुरुआत देने के बाद 69 रन के कुल योग पर रन आउट हुए। 29 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 28 रन बनाने वाले तेंदुलकर को कप्तान शाकिब के थ्रो पर विकेटकीपर रहीम ने रन आउट किया। यह विकेट 11वें ओवर की अंतिम गेंद पर गिरा।

 


 

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