उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम सिंह यादव का जलवा रहा है। वह तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। अब उनके पुत्र अखिलेश सिंह यादव भी उनकी राह पर हैं। साइकिल सवारी से लेकर रथ यात्रा का उनका वही अंदाज लोगों में जोश भर रहा है। उत्तर प्रदेश के भावी चुनाव में समाजवादी पार्टी की रणनीति से लेकर मायावती के शासन समेत तमाम मुद्दों पर हिन्दीलोक ने समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव से खास बात की।
प्रदेश में कई यात्राएं निकल रही हैं. आप की क्रांति रथ यात्रा किस लिए ?
बदलाव के लिए. समाजवादी पार्टी ने जब-जब क्रांति रथ यात्रा निकाली है, तब-तब उत्तर प्रदेश की सत्ता में बदलाव हुआ है। नेता जी एक बार रथ लेकर निकले थे तो प्रदेश में हमारी सरकार बनी थी। इससे पहले एक बार मैं भी रथ लेकर निकला था तब भी समाजवादियों की सरकार बनी थी। इस बार फिर में रथ लेकर निकला हूं, तो इस बार भी हमारी सरकार बनेगी।
लेकिन चुनावी पंडित तो भविष्यवाणी कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा बन रही है?
यह आकलन गलत है। हमें पूर्ण बहुमत मिलेगा, अगर आप हाल के चुनावों का का ट्रेंड देखेंगे तो पाएंगें कि जनता जिस दल को सत्ता सौप रही है वह पूर्ण बहुमत के साथ। ममता हों या नितीश, सभी को जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है. सपा को भी जनता पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का मौका देगी।
आखिर जनता सपा को ही क्यों वोट देगी?
समाजवादी पार्टी ही अकेली पार्टी है जिसने बसपा सरकार के भ्रष्टाचार और जन विरोधी नीतियों के खिलाफ साढ़े चार साल तक संघर्ष किया है। चाहे मंहगाई का मामला हो या फिर भ्रष्टाचार का, किसानों की जबरन जमीन छीनने की बात हो या फिर पत्थर की मूर्तियां लगाने की... हमारे कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तो उन पर लाठियां बरसाई गईं, उन्हें जेल भेजा गिया। बीएसपी की पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं के घरों पर छापे मारे। वे नहीं मिले तो उनके बूढ़े मां बाप और परिवार के लोगों को अपमानित किया और जेल में डाल दिया। राज्य की जनता अब बसपा शासन की तुलना सपा के शासन से कर रही है तो उस लगने लगा है कि सपा के शासन में राज्य का विकास हुआ... बिजली और सड़कों पर काम हुआ. किसानों के लिए सस्ती खाद मुहैया कराई गई। उनके गन्ने को सही मूल्य मिले, इसके लिए कई चीनी मिले खुलवाई गईं। कानून व्यवस्था दुरुस्त की गई. इसलिए जनता सपा को एक बार फिर विकल्प के रूप में देखने लगी है.
क्या बसपा सरकार ने कोई अच्छा काम किया है?
पत्थर और अपनी मूर्तियां लगाने के अलावा मायावती ने किया क्या है। जो पैसे जनता के विकास पर खर्च होना चाहिए, उससे मायावती ने अपनी और अपने परिवार की मूर्तियां बनवाने में खर्च कर दिए. बसपा सरकार पत्थर की मूर्तियों तक सिमट कर रह गई है। प्रदेश की बसपा सरकार महाभ्रष्ट सरकार है. सरकार के मंत्री ही कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कई मंत्री बलात्कार और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की हवा खा रहे हैं। मंत्री और विधायक जमीन हड़प रहे हैं। यहां तक की क्रबिस्तान पर भी कब्जा कर लिया है। घोटाला दबाने के लिए सरकार ने दो-दो सीएमओ की हत्या करवा दी। चुनाव में ये सवाल जब उठेंगे तो बसपा सरकार को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।
लेकिन अगर आप अपने सरकार के कामकाज आधार बना रहे हैं तो फिर जनता ने आप को सत्ता से बेदखल क्यों किया.?
अगर वोट प्रतिशत पर नजर डालेंगे तो पाएगें कि हमें बसपा से महज करीब पांच फीसदी वोट कम मिलें थे। लेकिन सीटों में दुगने का फासला था. यानी हमसे केवल 2.5 फीसदी मतदाता ही नाराज थे, जिन्होंने बसपा को वोट दिया। 80 विधानसभा सीटें ऐसी थी, जहां हमारे प्रत्याशी 5000 से कम वोटों से हारे थे। इस बार बसपा से मतदाता भारी नराज हैं. इसका फायदा हमें एंटी इनकैंबेसी वोटो के जरिए मिलेगा। लिहाजा पिछली बार मामूली वोटों से हारे इन सीटों के अलावा और सीटें भीं हम बसपा से हथिया लेंगे।
चुनाव आप के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है. तो फिर सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भी आप ही होंगे?
यह तो विधायक तय करेंगे कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. मैं तो संगठन चला रहा हूं।
आप सरकार बनाने की बात कह रहे हैं लेकिन बसपा कह रही है कि उनका मुकाबला तो कांग्रेस से हैं सपा से नहीं?
वह तो जनता का ध्यान हटाने के लिए ऐसा कर रही है. वह यह आज से थोड़े ही नहीं बहुत पहले से ही कह रही हैं. कांग्रेस कहां मुकाबले में है. वह तो उठ ही नहीं पा रही है।
लेकिन राहुल गांधी तो उठाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं?
उनकी कोशिश पर कांग्रेसी ही पलीता लगा रहे हैं। किसानों का हितैषी बनने के लिए उन्होंने भट्टा पारसौल से अलीगढ़ तक पद यात्रा निकाली। तब एक व्यक्ति का शव मिला और गांव की एक महिला से बलात्कार का मामला सामने आया तो कांग्रेस को पीछे हटना पड़ा। मै पूछता हूं जब प्रदेश में भ्रष्टाचार, हत्या और लूट मची हुई थी, तब कांग्रेस कहां थी।
अन्ना फैक्टर का उत्तर प्रदेश चुनाव पर क्या असर होगा?
अन्ना हजारे भ्रष्टाचार का जो सवाल उठा रहे हैं, समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में यह सवाल साढ़े चार साल से उठा रही है। जब उन्होंने इस मुद्दे पर देश भ्रमण की बात कही तो सबसे पहले हमने ही उन्हें उत्तर प्रदेश में आमंत्रित किया। लेकिन वे नहीं है. अब सुना है कि वे अच्छे प्रत्याशियों को जिताने के लिए प्रयास करेंगे। अगर अन्ना आधा घंटा भाषण देंगे तो इसमें 15 मिनट बसपा के भ्रष्टाचार पर बात होगी और 15 मिनट कांग्रेस पर. इन्हीं दोनों की सरकार है। अगर अन्ना कहते हैं कि जो भ्रष्टाचार नहीं कर रहा है उसे वोट दो, तो यह तो सीधे हमारे पक्ष में जाएगा।
क्या किसी पार्टी से आप चुनावी गठबंधन कर रहे हैं। पीस पार्टी से गठबंधन की बात चल रही थी?
फिलहाल तो नहीं। हमने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और उन्हें चुनाव प्रचार में लगा दिया है।
और चुनाव के बाद?
तब परिस्थितयां क्या बनती हैं, अभी से इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है।
सपा पर आरोप लगता है कि जब उसकी सरकार थी तो एक क्षेत्र विशेष में ही विकास कार्यों को केंद्रित किया गया?
ऐसा नहीं है, नेता जी ने पूरे प्रदेश का विकास किया। हां सैफई नेता जी का गांव हैं। वे तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और एक बार केंद्र में मंत्री रहे हैं। जो योजनाएं प्रदेश में लागू हुई उनमें से एक सैफई में भी। जैसे प्रदेश के कई शहरों में 320 केवी का ट्रांसफार्मर लगवाया, वैसे सैफई में भी। इसकी वजह से वहां ज्यादा समय तक बिजली रहती है। वहां मेडिकल कालेज खुलवाया तो प्रदेश में कई और जगहों पर भी। आज आप बिजली, पानी और सड़क की बेहतरी देख रहे हैं, वह नेता जी की ही देन है। नेता जी ने ही तब कई पावर प्लांट और 29 नई चीनी मिलें खुलवाई थी। उनमें बिजली उत्पादन की इजाजत उन्होंने ही दी थी। दादरी जैसे कई पावर प्लांट की नींव रखी थी, जिसे मायावती ने बंद करवा दिया।
सरकार बनने पर आप की प्राथमिकता क्या होगी?
किसान हमारी प्राथमिकता के केंद्र में रहेगा, इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और बेरोजगारी व मंहगाई पर नियंत्रण भी हमारे हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर होंगे। हम प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएगे।
और कानून व्यस्था?
सरकार बनाते ही हम अपराध पर शिकंजा कस देंगे। हम अपराध रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। पुलिस को बेहतर सुविधाएं देंगे. अच्छे अधिकारियों को आगे लाएंगे और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देंगे। आज इमानदार अधिकारी साइड लाइन हैं और थाने बिक रहे हैं।
और उन पुलिस अधिकारियों का क्या करेंगे, जिन्होंने सपा कार्यक्रताओं का उत्पीड़न किया है?
हमे उन पुलिस वालों की वर्दी बदलनी है, जिन्होंने हमारे कार्यकर्ताओं पर जुल्म ढाए हैं। जिस तरह से सेना में सजा पाए सैनिकों की वर्दी बदल दी जाती है और वे अपनी बदली वर्दी की वजह से दूर से ही पहचान लिए जाते हैं। वैसे ही उन पुलिस वालों को हमारे कार्यकर्ता दूर से ही पहचानेंगे कि उसने हमारे ऊपर जुल्म किया था। अब यह बहस का बिषय है कि यह कैसे होगा? किस तरह का विधेयक लाकर कैसे कानून में बदलाव किया जाए?
अमर सिंह की पार्टी में वापसी की चर्चा हो रही है?
वे मेरे अंकल हैं और बीमार हैं. हम उनका सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे. पार्टी में वापसी के फैसल पर फिलहाल मैं कुछ नहीं कह सकता।
आप नौजवान है, आप युवाओं की मुख्य समस्या क्या मानते हैं?
बेरोजगारी मुख्य समस्या है। हम अनइप्लाइड यूथ नहीं, अनइप्लाइड फादर पैदा कर रहे हैं। नौजवानों की शादी हो जा रही है लेकिन नौकरी नहीं मिल रही है। अभी हमें एक सर्वे से पता चला कि अकेले बरेली मंडल में ही तीन लाख नौजवान बीबीए और बीटेक करके बेरोजगार बैठे हैं। इसलिए हमें सस्ती शिक्षा के साथ साथ राज्य का तेजी से औद्योगिक विकास करना होगा। ताकि पढ़े लिखे नौजवानों को बेहतर रोजगार मिल सके।
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