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बिना ज़ुनून के तो कोई काम नहीं बनता : बोइशाली सिन्हा

boishali sinha interview, art director

वह अभी महज 25 साल की हैं। वह खूबसूरत हैं। वह बॉलीवुड में ऐसे क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिसमें ज्यादा महिलाएं नहीं हैं और आम लोगों की समझ इस फील्ड के बारे में कम है। जी हां, दिल्ली की बोइशाली सिन्हा कला निर्देशक यानी आर्ट डायरेक्टर हैं। पेटिंग की दुनिया में खासी सक्रिय रहीं बोइशाली ने हाल में 'राउडी राठौर' में बतौर सहायक कला निर्देशक काम किया और अब वह खुद स्वतंत्र कला निर्देशक के रुप में अपनी पहचान गढ़ रही हैं। पीयूष पांडे ने उनसे बात की।

सवाल-पेंटिंग करते करते आप बॉलीवुड में आर्ट डायरेक्टर बन गईं। कला निर्देशन के क्षेत्र में आना कैसे हुआ?
जवाब- मैं अभी भी पेंटर हूं। लेकिन, मेरे दिमाग में हमेशा से था कि आर्ट डायरेक्शन के क्षेत्र में काम करुं। कह सकती हूं कि आर्ट डायरेक्शन करते हुए आप कैनवास, जिसे हम फिल्मी भाषा में फ्रेम कहते हैं, के साथ ज्यादा प्रयोग कर सकते हैं।
सवाल-मुंबई और बॉलीवुड में एक नये कलाकार के रुप में आपका शुरुआती अनुभव कैसा रहा?
जवाब-मैं इस मामले में कुछ भाग्यशाली रही हूं कि मुझे काम फौरन मिल गया। मुझे शुरुआती दौर में संघर्ष नहीं करना पड़ा। हां, बाद में उसकी शुरुआत हुई। वासिक़ खान को मैं शुक्रिया कहना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे राउडी राठौर में काम करने का अवसर दिलाया। उसके बाद कुछ विज्ञापनों में। अब कुमार मंगत जी की फिल्म ‘आत्मा’ कर रही हूं।

सवाल-बॉलीवुड में एक पुरुष आर्ट डायरेक्टर के मुकाबले महिला आर्ट डायरेक्टर होना कितना चुनौतीपूर्ण है?
जवाब-इस तरह से मैंने कभी सोचा नहीं। मुझे लगता है कि जब तक आप अपने आम में बेहतर है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप पुरुष हैं या महिला। और अगर मुझे अपना काम करना है और अपना 100 फीसदी देना है तो फिर कोई सीमा मुझे रोक भी नहीं सकती।

सवाल-क्या आर्ट डायरेक्शन और प्रोडक्शन डिजाइनिंग एक ही बात है?
जवाब-हमारी इंडस्ट्री की कहें तो हां। वैसे, अलग अलग देशों की इंडस्ट्री में इनकी अलग अलग अहमियत है। वहां प्रोडक्शन डिजाइन का मतलब आर्ट के सिवाय ड्रेस और बाकी चीजों से है, लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है, लिहाजा यहां दोनों बातें एक ही हैं।
 
सवाल-कला निदेशन के मामले में नए ट्रेंड्स को लेकर आपका क्या आकलन है।
जवाब-मेरे लिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है।

सवाल-अभी तक आपने जितनी भी फिल्में की है, उसमें रचनात्मक संतुष्टि सबसे अधिक किसमें मिली है।
जवाब-सच कहूं तो अभी रचनात्मक रुप से सर्वश्रेष्ठ आना बाकी है। हां, अभी दिल के करीब राउडी राठौर है। व्यवसायिक रुप से भी और निजी तौर पर भी। व्यवसायिक रुप से इसलिए क्योंकि यह बेहतरीन फिल्म थी करने के लिए, जहां मैं प्रभुदेवा सर, अक्षय और ऐसी हस्तियों से मिली। और निजी तौर पर भी.....

सवाल-अपने बचपन के बारे में बताइए। आप दिल्ली से ही हैं न ?
जवाब-हां। बचपन मजेदार था। बचपन के दिनों की मस्ती अलग होती है, जिसका अपना मजा है। मैंने अपना बचपन लोधी रोड पर गुजारा। मुझे उस जगह से प्यार है। लोधी गार्डन,सफदरजंग मकबरा,खान मार्केट, नेहरु स्टेडियम...। शुरुआती स्कूलिंग लेडी इरविन में हुई। बचपन में भी मैं सभी आर्ट कंपटीशन में हिस्सा लेती थी, और उन्हें जीतती थी। कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। वैसे, मैंने स्पोर्ट्स में भी बहुत हिस्सा लिया....।

सवाल-दिल्ली की लाइफ कैसी थी। मुंबई की तेज भागती दौड़ती जिंदगी से यह कितना अलग है।
जवाब-दोनों ही शहर बहुत खूबसूरत हैं। दिल्ली पर मुग़लों का ज्यदा प्रभाव है तो मुंबई पर अंग्रेजों का। मैं आर्किटेक्चरल ब्यूटी की बात कर रही हूं। दिल्ली से मुझे इसलिए भी प्यार है,क्योंकि मैं यहां बढ़ी हुई हूं। और मुंबई इसलिए...क्योंकि इस शहर में ऐसा कुछ है, जिससे आप पार नहीं पा सकती। वैसे, सच कहूं तो अभी तक मुंबई को सही तरह से जीने का मौका अभी मिला नहीं है। इसकी खूबसरती को अभी मैंने सही तरह से देखा भी नहीं है। हमेशा काम में व्यस्त रही तो समय नहीं मिला। 
 
सवाल-क्या आपके सपनों को आपके घर वालों खासतौर पर मम्मी पापा का साथ मिला। ये सवाल इसलिए क्योंकि आपने जिन भी क्षेत्रों को चुना, वे गैरपारंपरिक हैं।
जवाब-मुझे नहीं लगता कि वे क्यों गैरपारंपरिक हैं। हां, मेरे मम्मी पापा हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मेरे ऐसे मम्मी पापा हैं। सच कहूं तो ऐसे पैरेट्स मुश्किल से ही मिलते हैं।
 
सवाल-आपने फाइन आर्टस को क्यों चुना, जबकि लीक से हटकर ऐसे करियर विकल्प चुनना आसान नहीं होता।
जवाब-आपने अपने सवाल का जवाब खुद ही दे दिया। हमेशा कुछ अलग करो। लीक से हटकर। मैं कभी रैट रेस में शामिल नहीं होना चाहती थी...और 9 से 5 वाली नौकरी भी मेरी सोच से बाहर थी। मेरा जिंदगी जीने का, काम करने का और बाकी चीजों को भी करने का अपना तरीका है...जिसे मैं अपनी पसंद के मुताबिक ही करती हूं।

सवाल-पैसों के लिहाजा से पूछा तो क्या आर्ट डायरेक्शन आकर्षक फील्ड है।
जवाब-यह निर्भर करता है। कई बातों पर।

सवाल-आर्ट डायरेक्टर कैसे बना जा सकता है? क्या इसके लिए कोई कोर्स की जरुरत है या सिर्फ जुनून के बूते ही संभव है?
जवाब-कई कोर्स हैं, अगर आप करना चाहते हैं। लेकिन अगर आपका आर्ट बैकग्राउंड है तो कोई दिक्कत नहीं है। और कोई भी आप अगर आप बिना जुनून के करते हैं तो यकीं जानिए कि फिर काम नहीं बनेगा।

सवाल-आपकी उम्र अभी सिर्फ 25 साल है और आप आर्ट डायरेक्टर के अपने सपने के पीछे दौड़ रही हैं। क्या मुश्किलें और क्या आसानी रही है।
जवाब-सच कहूं तो कुछ और करने के लिए वक्त नहीं है। कोई भी सही काम अगर आप सही वक्त पर कर लेते हैं तो फिर कोई आपको रोक नहीं सकता।

सवाल-आप अभी कौन से प्रोजेक्ट कर रही हैं।
जवाब-फिलहाल कुमार मंगत की फिल्म आत्मा पर सारा ध्यान केंद्रित है।

सवाल-यह सवाल अभी पूछना जल्दबाजी है लेकिन फिर भी। दुनिया आपको किस तरह याद रखे।
जवाब-मैं इस सवाल के जवाब में कुछ अंग्रेजी में कहना चाहूंगी।
 
I fear being forgotten,
I fear settling, giving in to "thats just the way it is " mindset  ,
I fear dying without leaving my mark,
I fear not feeling these fears anymore,and just floating along.....
These fears feed me nourish me ,
I love my fear....... And i just want to be remembered, never to be erased with time .
remembered as who i am .

सवाल-खाली समय में क्या करती हैं।
जवाब-विश्वास कीजिए कि मेरे बास खाली समय नहीं होता। हां, मैं अपना समय अपने कुछ खास लोगों के साथ बिताना चाहती हूं।

सवाल-फेसबुक पर आप अक्सर खलील जिब्रान की दार्शनिक बातों को अपने स्टेटस अपडेट में इस्तेमाल करती है। क्या वजह है।
जवाब-बिलकुल। ख़लील ज़िब्रान और रूमी-ये दो लोग हैं, जो मुझे ताकत देते हैं। जब मैं इन्हें पढ़ती हूं तो मुझे लगता है कि कुछ लोग हैं, जो मेरी तरह सोचते हैं। प्यार और जुनून को लेकर उनकी सोच भी वैसी ही है, जैसी मेरी है।

सवाल-रिलेशनशिप के बारे में क्या कहेंगी।
जवाब-मैं रिलेशनशिप में हूं और मैं उसका लुत्फ ले रही हूं। मेरे दोस्त इमरान खान...वह इंडस्ट्री से ही हैं। फोटोग्राफर हैं। हम दोनों ने साथ में राउडी राठौर में काम किया है।

सवाल-सफलता के लिए आपका मंत्र।
जवाब-कभी..कभी..कभी हार मत मानो.....।

सवाल-किस बॉलीवुड डायरेक्टर के साथ आप काम करना चाहती हैं।
जवाब-प्रभु सर के साथ बार बार। इसके अलावा संजय लीला भंसाली सर, अनुराग बासु...और भी कई नाम हैं।
 
सवाल-आखिरी सवाल, ये आपके नाम बोइशाली का मतलब क्या है।
जवाब-तूफान.........
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