हिन्दी ब्लॉग सम्मेलन के बहाने
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Piyush Pandey
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और ट्विटर की अपार लोकप्रियता के दौर में अंतराष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन की ख़बर अचानक महत्वपूर्ण लग रही है। दिल्ली में 30 अप्रैल को प्रकाशन संस्थान हिन्दी साहित्य निकेतन की स्वर्ण जयंती के अवसर इस सम्मेलन को आयोजित किया गया है। चर्चित ब्लॉग समूह परिकल्पना और नुक्कड़ डॉट कॉम के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस सम्मेलन में हिन्दी ब्लॉगिंग पर एक पुस्तक का लोकार्पण होगा। कई श्रेणियों में हिन्दी ब्लॉगरों को सम्मानित किया जाएगा। देश को जागरुक करने में न्यू मीडिया की भूमिका पर संगोष्ठि होगी और कई अन्य दूसरे कार्यक्रम होंगे। इस सम्मेलन को लाइव वेबकास्ट किया जाएगा। आयोजकों का कहना है कि कार्यक्रम में देश-विदेश के 400 से अधिक हिन्दी ब्लॉगर शामिल होंगे।
सचिन अढ़तीसी (व्यंग्य)
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Vishnu Sharma
अरे चंपक भाईसाहब आ गए क्या, गिरधारी लाल भी जुड़ चुके हैं, फिर कुंए में से आवाज आई फत्ते खान की ऑनलाइन सरजी.. मुस्करा दिया हर कोई..आओ मुरादबाद के नवाब, मैं भी जुड़ चुका हूं..ये उदघोष कालीचरन शिरोडकर का था...एक एक करके अटैंडेंस लगा रहे थे लोग।
'अमूल बेबी' के बहाने
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Niraj Singh
समाजशास्त्री बोडीलॉर्ड ने समकालीन समाज के अपने विश्लेषण में कहा है कि आज जो टीवी है, वही समाज है। टीवी और समाज इतना घुल-मिल गए हैं कि यह कहना बड़ा मुश्किल हो जाता है कि संकेत क्या हैं और यथार्थ क्या। इस तरह उत्तर आधुनिक समाज संकेतों का समाज है. बोडीलार्ड की चिंता है कि इन संकेतो का जो सबसे बड़ा खामियाजा हमें भुगतना पड़ा और जिसने हमारी चेतना पर कब्जा किया वह यह कि लोग गलत को सही मानने लगे।
कठघरे में रामदेव की ‘काला धन वापसी’ की मुहिम
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Nirmal Rani
हमारा देश जहां महारानी लक्ष्मीबाई,महाराणा प्रताप,टीपू सुल्तान,भगतसिंह तथा चंद्रशेखर आज़ाद व इन जैसे हज़ारों देश भक्त सूरमाओं का देश कहा जाता है, वहीं जयचंद और मीर जाफर जैसे ग़द्दार भी हमारे देश की देन थे। यह देश का दुर्भाग्य ही है कि समय के आगे बढऩे के साथ-साथ सच्चे देश भक्त जांबाज़ तो इतिहास के पन्नों तक में सिमट कर रह गए जबकि दूसरी ओर देश की राजनीति पर चारों ओर राष्ट्र विरोधियों लुटेरों, असमाजिक तत्वों तथा स्वार्थी व सत्ता लोलुप प्रवृति के लोगों का वर्चस्व हो गया।
जसवंत की किताब के बहाने माओवादियों के सवाल
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Punya Prasun Bajpai
20 अगस्त की शाम मोबाइल पर एकदम अनजाना सा नंबर आया तो मैंने फोन को साइलेंट मोड में डाल दिया। लेकिन जब वही नंबर लगातार तीसरी बार मोबाइल पर उभरा तो मेरे हैलो कहने के साथ ही दूसरी तरफ से आवाज आई, अब आप दंगों का इंतजार करें। मैं चौंका...आप कौन बोल रहे हैं। हम बोल रहे हैं।
जसवंत निर्दोष, कुछ गलत नहीं लिखा
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Rajveer Singh
जसवंत सिंह की पुस्तक ‘जिन्ना: इंडिया, पार्टिशन, इंडिपेंडेंस’ पर उठा विवाद या कहें उठाया गया विवाद बिलकुल ऐसा है जैसे कौआ कान ले गया और हम उसके पीछे दौड़ रहे हैं। पहले कान को टटोले बिना। ऐसा क्या लिख दिया जसवंत सिंह ने........
मुश्किल होगा रिएलिटी शो का अगला दौर
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Piyush Pandey
रिएलिटी शो का मंच सजा है। एक शख्स का नाम पुकारा जाता है। वो शख्स मंच की तरफ कदम बढ़ाता ही है कि एंकर के साथ बैठी महिला जोर-जोर से चिल्लाने लगती है- ये आदमी मेरे बच्चे का बाप नहीं हो सकता।
न्यूज चैनल के प्रोमो....
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prateek
प्रोमो का फसाना हकीकत की जम़ी पर दम तोड़ देता है। तकरीबन हर बार। लेकिन,न्यूज़ चैनलों की बदलती ग्रामर के आइने में यह एक्सपेरीमेंट भी चल निकला है। दर्शकों को फंसा लेने वाले प्रोमो लिखना ही कॉपी राइटर की काबलियत मानी जा रही है।
खतरा वनडे पर है,टेस्ट पर नहीं
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N.P.Singh
जून की उस ढलती सांझ में पकिस्तान क्रिकेट टीम ने दुनिया फतह की. क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स की २२ गज की स्टेज के ठीक बीचों बीच अपने दोनों हाथ फैलाए शाहिद अफरीदी एक महानायक में तब्दील हो गए. पाकिस्तान की इस जीत और इस नए महानायक को हर किसी ने अपने तरीके से परिभाषित किया.
बड़े खतरनाक ‘गड्ढे’ हैं मासूमों की राह में
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deepak
मासूम बच्चों का बचपन खतरे में है. घर हो या स्कूल या फिर कोई और जगह. उनके जीवन की हर डगर पर खतरनाक गड्ढे बने हैं, जिनमें वो अक्सर गिरकर संभल नहीं पाते और कई बार जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं. कभी लापरवाही से हुए हादसों का शिकार होते हैं, कभी राह भटका दिए जाते हैं तो कभी परीक्षा के दानव का निवाला बनते हैं
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।