कुछ लोगों का सबसे प्रिय काम होता है हल्ला मचाना। कुछ तो हल्ला में गुल्ला जोड़कर ऐसा मारक किस्म का हल्ला गुल्ला मचाने में यकीं रखते हैं कि जब तक उनकी बात सुन न ली जाए वे बजते रहते हैं। तो कुछ भाई आजकल इसी तरह बज रहे हैं सन्नी लियोन को भारतीय नागरिकता मिलने की ख़बर सुनकर। सन्नी लियोन भारतीय मूल की अति शानदार जानदार और मालदार सुंदरी हैं। एक तो सुंदरी हैं, सिर्फ यही योग्यता भारतीय नागरिक बनने के लिए अपन काफी मानते हैं। उस पर शानदार-मालदार आदि होना विशिष्ट किस्म की योग्यता है।
यूं सन्नी लियोन ने अभी तक हमें अपना सलाहकार या मीडिया मैनेजर नियुक्त नहीं किया है, लेकिन संकट में घिरी पराई सुंदरी के हम काम न आए तो कैसी इंसानियत! तो जनाब बात ऐसी है कि सन्नी मैडम को भारतीय नागरिकता दिए जाने का हम पूरी तरह समर्थन करते हैं। वह वस्त्र मुक्ति अभियान की अगुआ हैं। फिर, इस ‘सौदे’ के बाद भारत-अमेरिका के बीच संबंध और प्रगाढ़ होने की उम्मीद है। सन्नी मैडम को भारतीय नागरिकता प्रदान कर भारत ने सीधे सीधे संदेश देने की कोशिश की है कि वह मुक्त बाजार के पक्ष में है, जहां दुनिया के हर मुल्क के प्रोडक्ट के लिए न केवल जगह है बल्कि सम्मान भी है।
भारत सरकार सन्नी मैडम को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए बधाई की पात्र है। सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि भारत सरकार ने एक उदार छवि निर्मित की बल्कि देश की एक बड़ी समस्या को हल करने की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाया है। समस्या प्रति व्यक्ति आइटम गर्ल न होने की। अभी हाल यह है कि देश की 125 करोड़ आबादी के पास 125 आइटम गर्ल नहीं हैं। यहां बात को तार्किक तरीके से सिद्ध करना ज़रुरी है, लिहाजा आप आँखें बंद कीजिए और याद कीजिए आइटम गर्ल्स को। इसमें अपनी पसंदीदा चीयरलीडस भी जोड़ लीजिए। दावे के साथ कह सकता हूं कि आँखें बंद कर यादों के तमाम लट्टुओं को एक साथ जलाने के बाद भी आप उंगलियों पर दस आइटम गर्ल नहीं गिन पाएंगे।
इस कदर बुरा हाल है देश का। कई बार शर्म आती है अपनी प्रोडक्टिविटी पर। राष्ट्रहित की चिंता में दिन रात एक किए कुछ निर्माता-निर्देशक हालांकि इस दिशा में छोटी-मोटी पहल करते हैं। वे पाकिस्तानी-रूसी-अमेरिकी सुदंरियों को यहां जमाने की कोशिश करते हैं। लेकिन वीजा का झंझट उन्हें परेशान करता है। अचानक ख्याल आ रहा है कि चीनी सुंदरियों के साथ यहां कुछ भेदभाव होता है। पड़ोसी मुल्क की आइटम गर्ल के साथ भेदभाव ठीक नहीं है। इसी बात पर चीन उखड़ गया तो सारी सुंदरियों को यहां से ऐसा इंपोर्ट करेगा कि खिलौने-कपड़े की तरह आइटम गर्ल के मामले में भी हमें सिर्फ और सिर्फ चीनी माल पर ही निर्भर रहना पड़ेगा।
उम्मीद है कि चीनी आइटम गर्ल भी अत्यंत सम्मान के साथ भारत आएंगी। प्रति व्यक्ति आइटम गर्ल प्रदान करना सरकार का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। कम से कम प्रति मुहल्ला आइटम गर्ल तो होनी ही चाहिए। अच्छा है कि सरकार हर बार की तरह देर से ही सही मगर जागी तो है।
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