20 फरवरी 2012
मंडी। हिमाचल प्रदेश के 'छोटा काशी' के नाम से मशहूर मंडी में महाशिवरात्रि के उत्सव में शामिल होने के लिए सैकड़ों गांवों के 200 से अधिक देवताओं को निमंत्रण दिया गया है।
इस आयोजन की शुरुआत मंडी शहर की स्थापना से मानी जाती है। शिवभक्त शासक अजबर सेन ने 1526 में मंडी की स्थापना के समय स्थानीय देवताओं को आमंत्रित किया था। उसके बाद से सैकड़ों गावों के मंदिरों के देवताओं का जमावड़ा परम्परा का हिस्सा बन गया।
आजादी के बाद देवी-देवताओं को आमंत्रित करने का कार्य जिला प्रशासन ने सम्भाल लिया।
उपायुक्त एवं महोत्सव के मुख्य आयोजनकर्ता देवेश कुमार ने आईएएनएस से कहा, "महाशिवरात्रि के उत्सव में भाग लेने के लिए 215 से अधिक देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया है।"
यह आयोजन 21 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा। पूरे देश में महाशिवरात्रि का आयोजन खत्म होने के बाद मंडी में इसकी शुरुआत होती है।
ढोल नगाड़ों के बीच देवी-देवता सुरुचिपूर्ण ढंग से सजी हुई पालकियों में सवार हो कर आते हैं। कुमार ने बताया कि उत्सव खत्म होने तक पड्डल मैदान में रहेंगे।
कुल्लू के विश्व प्रसिद्ध दशहरा की तरह मंडी की महाशिवरात्रि पर अलौकिकता एवं लौकिकता का संगम देखा जा सकता है।
मंडी में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों में भूतनाथ, त्रिलोकीनाथ, जगन्नाथ, तरना देवी एवं जलपा देवी है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तत्कालीन शासक सेन (1499-1534) ने सपने में एक गाय को शिव लिंग पर दूध चढ़ाते हुए देखा। उन्होंने इस सपने को हकीकत में बदलते देखा।
इसके बाद उन्होंने 1526 में भगवान शिव को समर्पित भूतनाथ मंदिर का निर्माण कराया और साथ ही मंडी शहर की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया।
उत्सव के पहले दिन मुख्य देवता एवं भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान माधो राय जुलूस का नेतृत्व करते हैं। परम्परा के अनुसार अन्य देवता अपनी पालकी में उनके पीछे चलते हैं और यह जुलूस भूतनाथ मंदिर पर जमा होता है।
राज्यपाल उर्मिला सिंह एवं मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पहले एवं आखिरी दिन इस उत्सव में भाग लेंगे।
उत्सव के दौरान तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं ग्रामीण खेलों का आयोजन किया जाता है।
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।