13 जुलाई 2011
नई दिल्ली। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन मानते हैं कि अब फिल्मों का प्रचार-प्रसार उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है जितना कि उनका निर्माण है। वैसे वह कहते हैं कि तमिल अभिनेता रजनीकांत जैसे कुछ अपवाद भी हैं जिन्हें प्रचार की आवश्यकता नहीं होती।
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा, "फिल्मों का प्रचार उतना ही महत्वपूर्ण व समय लेने वाला है जितना कि उनका निर्माण। इस तरह से अपनी फिल्म को लोगों की निगाह में लाया जाता है और दर्शकों को पहले ही सप्ताह के अंदर फिल्म देखने पहुंचने के लिए लुभाया जाता है। इन दिनों इस पहले सप्ताह में हुए व्यवसाय को ही फिल्म की व्यवसायिक सफलता का संकेत माना जाता है। अब यही सफलता का मानदंड है।"
अमिताभ ने कहा, "रजनीकांत कभी भी प्रचार में नहीं पड़े। जब हमारे बीच अनौपचारिक बातें होती हैं तो वह अक्सर मुझसे पूछते हैं कि मैं ऐसा क्यों करता हूं। यह खुद को एक उत्पाद की तरह बेचने जैसा है। हम इस पर हंसते हैं लेकिन मैं उन्हें बताता हूं कि वह रजनीकांत हैं और उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है लेकिन हमारे जैसे लोगों को दर्शकों को उत्तेजित करने, उनमें रुचि जगाने और उन्हें थियेटरों में खींचने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, "हमारे दिमाग में कभी भी यह बात नहीं रही और न ही हम कभी भी इसके लिए सचेत रहे हैं। यह निर्माता और वितरक के ऊपर छोड़ दिया जाता था कि उन्हें किस तरह प्रचार करना है लेकिन अब समय बदल गया है। अब संचार के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ इसके माध्यम भी कई गुना बढ़ गए हैं।"
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