सदन की बैठक सुबह जैसे ही शुरू हुई, राज्यसभा में विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से खड़े हो गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सशस्त्र बलों के हालात पर यह गम्भीर प्रश्न खड़ा करता है।
नायडू ने कहा, "सेना प्रमुख ने गोला-बारूद की स्थिति के बारे में एक गोपनीय पत्र लिखा.. यह दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन एक गम्भीर मुद्दा है। सेना की दशा को लेकर हम अब भयभीत हैं। मुझे ऐसा कहने में भी डर लग रहा है, क्योंकि मैं सेना का मनोबल नहीं गिराना चाहता।"
जनता दल (युनाइटेड) के नेता शिवदास तिवारी ने हालांकि सेना प्रमुख को बर्खास्त किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा, "यह गम्भीर अनुशासनहीनता का मामला है, सेना प्रमुख को बर्खास्त किया जाना चाहिए।"
इस बीच रक्षा मंत्री एंटनी ने कहा कि उन्हें पत्र के बारे में जानकारी है और उन्होंने सरकार की ओर से जवाब देने का भरोसा जताया। एंटनी ने कहा, "मुझे इस बारे में जानकारी है, और सरकार उचित समय पर जवाब देगी।"
दूसरी ओर वी.के. सिंह के पत्र पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए रक्षा राज्य मंत्री पल्लम राजू ने कहा कि सेना में क्षमता की कमी है, और उसे दूर करने के त्वरित प्रयास किए जा रहे हैं। राजू ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षो में आवंटित सारे बजट का इस्तेमाल कर लिया है।
राजू ने संवाददाताओं से कहा, "पिछले तीन वर्षो में हमने पूरा बजट इस्तेमाल किया और बजट का कोई भी हिस्सा वापस नहीं लौटाया गया। इसके बावजूद क्षमता में कमियां हैं, जिसे हम यथासम्भव जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।"
ज्ञात हो कि सेना प्रमुख ने 12 मार्च को प्रधानमंत्री को लिखा था कि देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि टैंकों के लिए विस्फोटक समाप्त हो चले हैं, हवाई रक्षा पुराना हो चला है और पैदल सेना बगर आधुनिक हथियारों के काम कर रही है। उन्होंने सेना की तत्परता बढ़ाने के लिए उचित निर्देश देने की अपील की थी।
राजू ने कहा, "हम खरीद प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं और उसमें तेजी ला रहे हैं और मैं समझता हूं कि सरकार अपने आप में सेना की क्षमता की जरूरतों के प्रति बहुत तत्पर रही है और आने वाले समय में हमें इस मामले में और अधिक प्रगति देखने को मिलेगी।"
राजू ने कहा, "हम खरीददारी में अनियमितता जैसी बातों को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए नए नियम-कानून बना रहे हैं और 100 करोड़ रुपये से ऊपर की खरीदारी के मामले में हम आपूर्तिकर्ताओं से एक ईमानदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहेंगे।"
राजू ने कहा, "जहां भी ऐसी बातें सम्भव हैं, हम वहां नीतियां बदल रहे हैं, क्योंकि जब भी कोई अनियमितता सामने आती है और सौदा रद्दा होता है, तो हमें वही उपकरण बाद में बहुत ऊंची दर पर खरीदने पड़ते हैं, इससे भी हमारी तत्परता प्रभावित होती है।"
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