24 मार्च 2014
चेन्नई|
फिल्मकार बालाजी मोहन लघु फिल्मकारों के खेमे से निकल फीचर फिल्म बनाने वाले निर्देशकों की सूची में शुमार हो गए हैं। वह कहते हैं कि उन लोगों का दिल खोलकर स्वागत किया गया और यह साबित करता है कि तमिल फिल्मोद्योग में बदलाव साफ है। सूची में शुमार अन्य निर्देशकों में कार्तिक सुब्बाराज (पिज्जा), नालन कुमारस्वामी (सूधु काव्वुम) और अरुण कुमार (पान्नैयारुम पद्मिनीयुम) शामिल हैं।
बालाजी ने आईएएनएस को बताया, "मैं मानता हूं कि दर्शकों ने हमें और हमारी फिल्मों को स्वीकार किया। बदलाव साफ है और यह देखकर अच्छा लगता है कि ये फिल्मकार फिल्म निर्माण की बंधी बंधाई परिपाटी को तोड़ रहे हैं। वे सभी सही दिशा में आगे बढ़े हैं।"
वह कहते हैं कि सामान्य तौर पर तमिल सिनेमा बदल रहा है।
बालाजी ने तमिल में सबसे पहले 'काधालिल सूधाप्पुवाथू एपादी' का निर्देशन किया था, जो उनकी स्वयं की लघु फिल्म से प्रेरित थी।
वह फिलहाल उनके निर्देशन में बनी दूसरी फिल्म 'वायै मूडी पेसावुम' की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं।