Khabar RSS Feed
Subscribe Magazine on email:    

सीबीआई का कनिमोझी की जमानत याचिका का विरोध

cbi-opposed-kanimozhi-s-bail-appeal-06201117
17 जून 2011
 
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में 2जी स्पेक्ट्रम मामले की आरोपी एवं द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोझी तथा कलैगनार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार की जमानत याचिका का एक बार फिर विरोध किया।

सीबीआई ने कहा कि उसे आशंका है कि यदि कनिमोझी व कुमार को जमानत दे दी गई तो वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं तथा गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। जांच अभी प्रगति पर है जिसे वे प्रभावित कर सकते हैं।

सीबीआई की ओर से दाखिल हलफनामे में आशंका जताते हुए तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोझी तथा कुमार की जमानत के लिए किए गए अनुरोध का विरोध किया गया।

शुक्रवार शाम हुए एक सम्बंधित घटनाक्रम में न्यायमूर्ति पी. सथाशिवम तथा न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक द्वारा स्वयं को जमानत याचिका पर सुनवाई से अलग कर लिए जाने के बाद एक विशेष पीठ गठित की गई।

अवकाशकालीन पीठ के न्यायाधीश सोमवार से अपना कामकाज शुरू करेंगे। जमानत याचिका उन्हीं के समक्ष रखी गई थी।

अब न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी तथा न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान सोमवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करने की तैयारी में है।

न्यायमूर्ति सिंघवी न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली के साथ पीठासीन न्यायाधीश हैं। वे स्पेक्ट्रम घोटाले की सीबीआई जांच की निगरानी कर रहे हैं। इस घोटाले के सिलसिले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा को जेल जाना पड़ा था।

सीबीआई ने कहा कि उसकी जांच में सामने आया है कि कलैगनार टीवी को 200 करोड़ रुपये डीबी रियल्टी द्वारा ऋण के रूप में नहीं, बल्कि रिश्वत के तौर पर दिए गए जिसे वैधानिक लेनदेन नहीं कहा जा सकता।

हलफनामे में कहा गया है कि कनिमोझी और कुमार दोनों के कलैगनार टीवी में शेयर हैं तथा 200 करोड़ रुपये डीबी रियल्टी को तब लौटाए गए जब सीबीआई ने घोटाले के सिलसिले में पहली बार 21 अक्टूबर 2010 को प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की।

एजेंसी ने कहा कि यह अपने आप में बड़ा सबूत है कि कलैगनार टीवी को अवैध रूप से 200 करोड़ रुपये दिए गए।

हलफनामे में जमानत के विरोध के वही कारण बताए गए हैं जो सीबीआई की विशेष अदालत तथा दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष रखे गए थे।

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए गत आठ जून को कहा था कि दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या मामला बनता है और उनके राजनीतिक सम्पर्क भी हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था, "याचिकाकर्ताओं की वित्तीय और राजनीतिक हैसियत पर विचार करते हुए इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि यदि उन्हें इस समय रिहा किया गया तो वे जांच में दखल दे सकते हैं या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं।"

13 जून को सीबीआई ने न्यायमूर्ति बी.एस.चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ द्वारा पूछे गए तीनों प्रश्नों का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया था।

न्यायालय ने सीबीआई से यह जानना चाहा था कि कलैगनार टीवी को दी गई 200 करोड़ रुपये की रकम का क्या हुआ, 13 एकीकृत सेवा लाइसेंस देने से सरकार को हुए नुकसान और सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष 2जी मुकदमे की स्थिति क्या है।

 

 

More from: Khabar
21802

ज्योतिष लेख

मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।

Holi 2020 (होली 2020) दिनांक और शुभ मुहूर्त तुला राशिफल 2020 - Tula Rashifal 2020 | तुला राशि 2020 सिंह राशिफल 2020 - Singh Rashifal 2020 | Singh Rashi 2020