प. राम हरी शर्मा
21 दिसम्बर 2010 का पूर्ण चन्द्र ग्रहण, जो कि भारत के दिन के समय मे होगा, अतः यह ग्रहण भारत में नही दिखाई देगा। यह चन्द्र ग्रहण पूर्वी एशिया, आस्ट्रेलिया, प्रशान्त क्षेत्र, अमेरिका, चीन, फिलीपीन्स यूरोप मे पूर्ण चन्द्र ग्रहण के रूप मे दिखाई देगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दिन में दोपहर के समय 12 बजे से शुरु होकर शाम 3 बजकर 31 मिनट तक चलेगा।
यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र की मिथुन राशि पर लगेगा अतः मिथुन राशि वालों के लिये अशुभ होगा। यह केतु ग्रस्त चंद्र ग्रहण भारत में नही दिखाई देगा अतः धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व भरत में अधिक नहीं है। भारत में ग्रहण का असर न्यूनतम होगा लिहाजा रीति रिवाज की जरूरत नही है। जहां जहां यह दृष्ट हो, वहां वहां ही सामान्य स्नानादि का महत्व होता है। इस चन्द्र ग्रहण के सूतक पातक आदि भारत के वाह्य देशों में ही मान्य होंगे।
विदेशों में रहने वाले बिभिन्न राशि वाले जातको के लिये निम्न प्रभाव रहेगा-
मेष, मिथुन, वृश्चिक व मीन रशि वालो के लिये यह ग्रहण अशुभ रहेगा। अतः उन्हें इस चन्द्र ग्रहण का दर्शन नही करना चाहिये। इसके अलावा पूजा पाठ करनी चाहिए।
लेकिन बाकी राशियों के लिये यह ग्रह्न शुभ और मिश्रित फल वाला होगा। उन्हें अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
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