14 फरवरी 2013
नई दिल्ली, | बॉलीवुड अभिनेत्री अमृता पुरी कहती हैं कि फिल्मों में सहायक-अभिनेत्री का किरदार करने से उन्हें परहेज नहीं है लेकिन वह ऐसी फिल्मों से खुद को दूर रखती हैं जिनमें उनकी भूमिका सिर्फ एक शोपीस की हो। अमृता ने आईएएनएस को बताया, "बॉलीवुड हमेशा से पुरुषप्रधान रहा है। यहां हमेशा से नायक प्रधान फिल्में ही बनती रही हैं। यही कारण रहा है कि मैं अपनी भूमिका के बारे में सोच-विचार के ही किसी फिल्म का चुनाव करती हूं और मेरी फिल्मों के बीच अंतराल काफी लम्बा होता है। मैं सिर्फ एक शोपीस नहीं बनना चाहती इसलिए मुझे अलग तरह की और संवेदनशील भूमिकाएं चाहिए।"
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने तीन पुरुषों की कहानी वाली फिल्म 'काई पो चे' क्यूं साइन की, उन्होंने कहा, "यह बड़ा कठिन चुनाव था। यह मेरे लिए खुशी की बात थी क्योंकि अभिषेक मेरे पसंदीदा निर्देशकों की सूची में सबसे ऊपर हैं। और फिर मेरा किरदार भी बड़ा मजेदार है।"
अमृता ने फिल्म 'आयशा' से बॉलीवुड में करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने फिल्म में महानगर में नई आई एक छोटे शहर की लड़की का किरदार निभाया था। उन्होंने बाद में फिल्म 'ब्लड मनी' में एक गृहणी का किरदार निभाया था।