5 दिसम्बर 2013
मुंबई|
अनुभवी अभिनेता फारूख शेख ने सिनेमाजगत और रंगमंच में हुए बदलावों की प्रशंसा करते हुए कहा कि फिल्मों का यह सबसे बेहतर दौर है और इस दौर में फिल्मों से जुड़े होना खुशनुमा अनुभव है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी अभिनेता आजीवन रंगमंच कलाकार रहकर भी एक सम्मानित जिंदगी बिता सकता है। फारूख (65) एक बेहतरीन अभिनेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, "एक रंगमंच कलाकार के रूप में मेरा मानना है कि यह प्रेम का श्रम है। आज काफी चीजें बदल चुकी हैं और पहले का दौर अब नहीं रहा। आज कोई अभिनेता एक पूर्वकालिक रंगमंच कलाकार के रूप में काम कर सकता है और सम्मानित जिंदगी जी सकता है। मुझे लगता है कि आखिरकार सकारात्मक बदलाव आ रहा है।"
फारूख 30 सालों से सिनेमा जगत में काम कर रहे हैं। उन्होंने 'नूरी' 'साथ-साथ' 'उमराव जान' 'बाजार' 'कथा' और 'बीवी हो तो ऐसी' फिल्मों में काम किया है। उन्होंने कहा कि सिनेमा इस समय अपने सबसे अच्छे दौर में है।
उन्होंने कहा, "एक अभिनेता होने के नाते मुझे लगता है कि यह सिनेमा का काफी दिलचस्प दौर है। आज एक साल में लगभग 400 फिल्में बनती हैं और अभिनेताओं के पास बेहतर और पर्याप्त विकल्प होते हैं। मेरे हिसाब से यह फिल्म जगत से जुड़ा होने का सबसे उपयुक्त और खुशनुमा दौर है।"