हमारे देश आज भी ऐसी बहुत सी महिलायें जो एक सफल हाउस वाइफ तो हैं जो सबका ध्यान रखती है जिसके लिये उसका परिवार ही उसकी पहली प्राथमिकता है लेकिन केवल इंग्लिश ना बोल पाने की वजह से वो अपने ही परिवार द्वारा अपमानित होती है। कुछ ऐसी ही महिला की कहानी लेकर आयी हैं डायरेक्टर गौरी शिंदे । गौरी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘इंग्लिश-विंग्लिश’ इस हफ्ते रिलीज हो गयी है। इस फिल्म की सबसे खास बात यह है कि इस फिल्म के जरिये श्रीदेवी करीब पंद्रह साल बाद बॉलीवुड में कमबैक कर रही हैं। इससे पहले श्रीदेवी ने 1997 में फिल्म जुदाई की थी। और इस बार श्रीदेवी का रोल उनकी और फिल्मों से काफी अलग है इस फिल्म की डायरेक्टर गौरी शिंदे ने इस फिल्म को बनाने से पहले ही बतौर लीड श्रीदेवी का चयन कर लिया था अगर यह कहा जाये तो यह फिल्म और यह किरदार केवल श्रीदेवी के लिये ही बना है तो यह कहना गलत ना होगा।
अगर फिल्म की कहानी पर नजर डाली जाये तो पूरी फिल्म श्रीदेवी के इर्द-गिर्द ही घूमती है। श्रीदेवी ने अपने दमदार अभिनय से शशि के किरदार को बहुत अच्छे ढंग से निभाया है। अगर श्रीदेवी की खूबसूरती की बात की जाये तो श्रीदेवी पहले से कहीं ज्यादा खूबसूरत दिखती हैं। और उनका अभिनय तो लाजबाब है ही। फिल्म की कहानी शशि के आस-पास ही घूमती है शशि यानी की (श्रीदेवी) जो कि परफेक्ट हाउस वाइफ है, लेकिन शशि इंग्लिश में कमजोर है। शशि का पति सतीश (आदिल हुसैन) अपनी पत्नी को एक परफेक्ट हाउस के रुप में देखकर तो खुश है लेकिन उसकी कमजोर इंग्लिश की वजह से कभी-कभी वो भी उसका मजाक बना देता है साथ ही शशि की बड़ी बेटी सपना (नविका) जो कि एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती है। सपना अपनी मां के इंग्लिश ना बोल पाने की वजह से अक्सर उसका मजाक उड़ाती है। जिसके वजह से शशि काफी दुखी होती है । और खुद को काफी अकेला महसूस करती है। इस बीच न्यूयॉर्क में रहने वाली शशि की बड़ी बहन (सुजाता कुमार) की बड़ी बेटी की शादी है और तैयारियों के लिए शशि कुछ वक्त पहले ही न्यूयॉर्क पहुंच जाती है। जहां उसे इंग्लिश ना बोल पाने की वजह से कई दिक्कतों का सामना करना पडता है और उसका काफी मजाक बनने लगता है। इसी वजह से न्यूयॉर्क पहुंचकर शशि इंग्लिश क्लास अटेंड करने का फैसला करती है। 30 दिनों की क्लास अटेंड करने के बाद शशि खुद को आत्मविश्वास से भरा पाती है।
अगर श्रीदेवी की एक्टिंग की बात की जाये तो श्रीदेवी ने शशि के किरदार को बहुत बखूबी निभाया है जो इंग्लिश ना बोल पाने की वजह अपने परिवार और बच्चों से ही अपमानित होती है। वह दर्द श्रीदेवी के चहेरे पर साफ दिखाई देता है। सतीश यानी आदिल हुसैन ने ऐसे पति के किरदार में जान डाली है जो अपनी पत्नी की कमजोरी का मजाक बनाने से कभी नहीं चकूता है अगर फिल्म की डायरेक्टर यानी गौरी शिंदे की बात की जाये तो गौरी ने काफी दमदार स्क्रिप्ट बनाई है, जो हर लिहाज से दर्शको और समीक्षकों की कसौटी पर खरी उतरती है।
फिल्म के कई डायलाग इंग्लिश में हैं। अगर फिल्म के संगीत की बात की जाये तो फिल्म का संगीत अच्छा है जो बिना तडक-भडक के भी आपको काफी सुकून देगा। फिल्म का संगीत अमित त्रिवेदी ने तैयार किया है। यह फिल्मों पूरी तरह से दर्शको को पंसद आयेगी। साथ ही फिल्म में एक बहुत अच्छा संदेश भी छुपा है। और श्रीदेवी का बेहतरीन अभिनय आपको काफी भावुक भी कर देगा। इस फिल्म की खास बात यह है कि इस फिल्म में श्रीदेवी के अलावा कुछ हॉलीवुड स्टार भी हैं जिनका अभिनय भी काफी लाजबाब है। हां अगर आप मसाला फिल्मों के शौकीन हैं तो यह फिल्म आपके लिये नहीं क्योंकि इस फिल्म में कोई मसाला नहीं है। फिलहाल यह फिल्म हर वर्ग के दर्शको को पंसद आयेगी।
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