5 जुलाई 2011
नई दिल्ली। समलैंगिकता को एक 'रोग' और 'अप्राकृतिक' बताने पर समलैंगिक समुदाय, संयुक्त राष्ट्र के विभाग यूएनएड्स और अन्य लोगों की आलोचना का शिकार बने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को मंगलवार को स्पष्टीकरण देना पड़ा। आजाद ने कहा कि उनके बयान का 'गलत अर्थ निकाला' गया।
आजाद ने मंगलवार शाम को पत्रकारों से कहा, "बयान को सही अर्थो में नहीं लिया गया। कुछ लोगों का कहना है कि यह अप्राकृतिक है, कुछ इसे प्राकृतिक बताते हैं। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इसके खिलाफ एक कानून होना चाहिए। कुछ इसके खिलाफ हैं।"
उन्होंने कहा, "समलैंगिकता को लेकर कई देशों में कानून है और कुछ देशों में नहीं है। मैंने यह भी कहा कि मैं इस विवाद में नहीं पड़ना चाहता लेकिन इसे बयान में शामिल नहीं किया गया।"
ज्ञात हो कि एचआईवी/एड्स पर सोमवार को आयोजित एक सम्मेलन में आजाद ने कहा, "समलैंगिकता एक रोग है जो अप्राकृतिक है और यह भारत के लिए ठीक नहीं है। समलैंगिक सम्बंध कहां बन रहे हैं इसकी पहचान करने में हम सक्षम नहीं हैं क्योंकि इसके बारे में काफी कम बताया जाता है।"
उन्होंने कहा, "यह एक चुनौती है क्योंकि महिला यौन कर्मियों के मामलों में हम इस तरह के समुदाय की पहचान कर सकते हैं और उन तक पहुंच सकते हैं लेकिन पुरुषों के बीच शारीरिक सम्बंध का पता करने में मुश्किलें आ रही हैं।"
आजाद के इस बयान पर समलैंगिक समुदाय, कार्यकर्ताओं, हस्तियों ने कड़ी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। यहां तक कि एचआईवी/एड्स पर काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र के विभाग यूएनएड्स ने मंगलवार को एक बयान जारी कर आजाद की आलोचना की।
पूर्व पत्रकार और डॉक्यूमेंटरी फिल्म निर्माता रंजीत मोंगा ने कहा, "ऐसा मालूम होता है कि मंत्री ने मौजूदा मसले पर बिना सोचे हुए अथवा अपने मंत्रालय के रुख और नीतियों पर बिना गौर किए बयान दिया।"
वहीं, अभिनेत्री सेलीना जेटली ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर लिखा, "माननीय स्वास्थ्य मंत्री विश्व स्वास्थ्य संगठन ने समलैंगिकता को रोगों की सूची से वर्ष 1990 में हटा दिया। मुझे यह जानकर धक्का लगा कि हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने समलैंगिकता को एक 'रोग' बताते हुए बयान दिया..।"
Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow.
मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।