2 सितंबर 2011
बॉडीगार्ड बॉलीवुड के सभी रिकॉर्ड को तोड़ने की तरफ बढ़ चुका है। बुधवार को ईद के मौके पर बॉडीगार्ड रिलीज़ हुई। बस एक ही दिन में इस फिल्म ने 22 करोड़ा का करोबार कर लिया। लेकिन अभी वीकएंड आना तो बाकि ही है। कई लोगों को ईद की छुट्टी नहीं मिली थी। इसलिए जिन्होंने ईद पर बॉडीगार्ड देखने सिनेमा हाल की दौड़ नहीं लगायी,वे अब एडवांस बुकिंग की तैयारी में जुट गए होगें।
बॉडीगार्ड ने रिलीज़ के पहले ही दिन 22 करोड़ा का कारोबार किया है। जबकि पिछले साल ईद के मौके पर रिलीज़ हुई दबंग ने पहले दिन 14करोड़ का बिज़नेस किया था। दबंग ने थ्री ईडियट को पछाड़ा था। 2009 में रिलीज़ हुई आमिर खान की थ्री ईडियट ने 13 करोड़ी कमायी की थी।
बॉडीगार्ड फिल्म का निर्माण 60 करोड़ रुपये के बजट में हुआ है। इसे 2,600 प्रिंट्स के साथ भारत में व 325 प्रिंट्स के साथ विदेशों में प्रदर्शित किया गया। अब तक विदेशों में हुए व्यवसाय के आंकड़े नहीं मिल सके हैं। फिल्म समीक्षक 'बॉ़डीगार्ड' को कई मायने में सफल होना निश्चय मान रहे हैं। खास बात तो ये है कि अभी वीक एंड आना बाकी ही है। ऐसे में बॉडीगार्ड सलमान को सॉलिड मुनाफा दे इसमें कोई शक नहीं। फिल्म में वैसे भी पूरा बॉलीवुड का मसाला है जो फिल्म को हिट करा रहा है।
1)सलमान फैक्टर- सलमान खान इस दिनों सफलता के घोड़े पर सवार हैं। वे जो भी फिल्म कर रहे हैं वो हिट जा रही है। चाहे वो 'दबंग' जैसी माड़-धाड़ वाली फिल्म हो या फिर 'रेडी' जैसी कमज़ोर पटकथा वाली फैमिली ड़्रामा फिल्म। 'बॉलीवुड' निर्माताओं के लिए तो सलमान पारस का पत्थर साबित हो रहे हैं। इसलिए भी 'बॉडीगार्ड' के हिट होने का चांस पहले से ही तय था।
2)प्रोमोशन फैक्टर- 'बॉडीगार्ड' को जिस सूझ बूझ के साथ प्रोमोट किया गया है, वो भी दर्शकों को टिकट खिड़की तक खींच लायेगी। सलमान ने इस फिल्म के लिए खुद से ज्यादा अपने बॉडीगार्ड शेरा की पब्लिसिटी कर डाली। इमोशनल पब्लिक सलमान को वैसे भी बड़े दिल वाला जानती है, उनकी नज़र में सलमान की इज्जत और भी ज्यादा बढ़ गई।
3) किरदार फैक्टर- सलमान के अभिनय में ज्यादा शक नहीं है। 'मैंने प्यार किया', 'साजन', 'करण अर्जुन','हम दिल दे चुके सनम','तेरे नाम','वॉन्टेड','दबंग' जैसे अलग अलग मूड की फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया हुआ है। फिर भी 'बॉडीगार्ड' में उनका किरदार लवली सिंह अपना अगल चरित्र खींचता है। इसे चरित्र को आप 'वांटेड' के इंस्पेक्टर राजीव शेखावत,'दबंग' के चुलबुल पांडेय से अलग पाते हैं।
4)करीना फैक्टर- फिल्म में सिर्फ सलमान हैं ऐसा नहीं है। ये फिल्म पूरी तरह से नायिका के ईर्द गीर्द घूमती है। करीना से फिल्म में रौनक बनी हुई है। करीना नये ट्रेंड के कपड़े जूते पहन कर आज के यूथ के लिए स्टाइल आयकन बनकर उभरी हैं। करीना पूरी फिल्म में कहीं भी अश्लील नहीं दिखती हैं। यही वजह है कि इस फिल्म को लोग परिवार के साथ जाकर देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
5)निर्देशन फैक्टर- फिल्म पहले ही मलयालम में बन चुकी है। फिल्म के निर्देशक सिद्दिकी का निर्देशन मंझा हुआ है। लेकिन पटकथा कई जगहों पर ढीली दिखाई देती है। वैसे खुद सिद्धिकी को इस बात का एहसास नहीं होगा कि एक अकेली बॉलीवुड फिल्म उन्हें सफलता के किस आसमान में बैठा कर रख देगी।
6)संगीत फैक्टर- फिल्म में गाने भी ठीक ठाक है। लेकिन इनमें 'तेरी मेरी प्रेम कहानी ... ' फिल्म के रिलीज़ से पहले ही लोगों की जुबां पर चढ़ चुकी थी। एक बार फिर प्रेम रस में डूबे इस गीत को राहत फतेह अली खान और श्रेया घोषाल ने गाया है। इससे पहले दबंग के सुपह हिट गीत 'तेरे मस्त मस्त दो नैन मेरे दिल का ले गये चैन....' भी राहत फतेह अली खान और श्रेया घोषाल ने ही गाया था। एक बार फिर माना जा रहा है कि बॉडीगार्ड का ये गीत सभी गानों को पछाड़ देगा।
7)पटकथा फैक्टर -'बॉडीगार्ड' की कहाना वैसे तो दमदार नहीं कही जा सकती है। फिल्म लवली सिंह (सलमान खान)नाम के बॉडीगार्ड की है जिसे बिज़नेसमैन सरताज राणा(राज बब्बर) की बेटी दिव्या (करीना कपूर)की सुरक्षा के लिए रखा जाता है। लवली सिंह अपने काम के प्रति काफी सजग है। लेकिन दिव्या उससे काफी परेशान हो जाती है और वो उसके साथ झूठा प्यार का नाटक करके उसे दूसरे कामों में उलझाना चाहती है। लवली सिंह को दिव्या के प्यार हो जाता है लेकिन जब सच्चाई उसके सामने आती है तो वो टूट जाता है। फिल्म का क्लाइमेक्स ज्यादा बंधा हुआ है इसलिए फिल्म अंत तक दर्शकों को बोर नहीं करती है।
कुल मिलाकर 'बॉडीगार्ड' एक बेहतर फिल्म है। इसे एक बार अपने पूरे परिवार के साथ जाकर देखा जा सकता है। सलमान के फैन्स इसे एक से अधिकबार देख सकते हैं। लेकिन जो सिर्फ मनोरंजन और शुद्ध बॉलीवुड फिल्म की तलाश में हैं उनके लिए 'बॉडीगार्ड' फुल पैसा वसूल फिल्म है।
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