30 मई 2012
चेन्नई। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की एक रैली में पार्टी अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से समर्थन वापसी की चेतावनी दी, लेकिन कुछ ही देर बाद संवाददाताओं से बातचीत में वह अपने बयान से पलट गए। रैली के बाद संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या डीएमके संप्रग से समर्थन वापस लेगी, करुणानिधि ने कहा, "मैंने ऐसा नहीं कहा।"
डीएमके के दफ्तर में संवाददाताओं से बातचीत में करुणानिधि ने कहा कि वह संप्रग से समर्थन वापस नहीं लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ईंधन की कीमत में वृद्धि के मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर कारगर कदम उठाने का वादा किया है।"
डीएमके अध्यक्ष का स्पष्टीकरण मीडिया की इन अटकलों के बीच आया है कि डीएमके की समर्थन वापसी के बाद संप्रग का भविष्य क्या होगा?
इससे पहले पेट्रोल की कीमत में वृद्धि के खिलाफ पार्टी की रैली को सम्बोधित करते हुए करुणानिधि ने कहा था, "हम तभी तक उनके साथ रहेंगे, जब तक सम्भव होगा। यदि यह सम्भव नहीं होगा तो हम अपना रास्ता अलग कर लेंगे और अपनी नीतियों पर बल देंगे।"
संप्रग की एक अहम घटक डीएमके के अध्यक्ष ने कहा, "संप्रग के साथ होने का यह अर्थ नहीं है कि हम जनविरोधी नीतियों का विरोध नहीं करेंगे। यदि हमारे मौलिक सिद्धांतों को खतरा होता है तो हम केंद्र को मजबूर करेंगे कि वह इसे सही करे।"
उन्होंने कहा कि केवल विपक्षी दल ही नहीं, डीएमके तथा संप्रग के अन्य घटक दल भी पेट्रोल की कीमत में वृद्धि वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
करुणानिधि ने कहा, "यहां तक कि रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने भी सरकार से मूल्य वृद्धि वापस लेने की मांग की है।"
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