31 अगस्त 2012
नई दिल्ली। फिल्म 'जलपरी : द डेजर्ट मरमेड' को बिना ज्यादा प्रचार के प्रदर्शित करने वाले निर्देशक माधव पांडा का कहना है कि फिल्म प्रचार में करोड़ों खर्च करने से सफलता नहीं मिलती। उनका मानना है कि फिल्म की सफलता उसकी अच्छी कहानी पर निर्भर करती है। इससे पहले पांडा की पहली निर्देशित फिल्म 'आई एम कलाम' को समीक्षकों की काफी सराहना मिली थी।
पांडा ने आएएनएस से कहा, " अगर फिल्म की कहानी अच्छी है, यह अच्छे से बनाई गई है और इसमें एक संदेश है तो यह जरूर चलेगी। और अगर ऐसा नहीं है, तो चाहे आपने इसके प्रचार में करोड़ों खर्च किए हों, यह सफल नहीं होगी। आप दर्शकों को एक या दो दिन बेवकूफ बना लेंगे लेकिन हमेशा नहीं। वे आजकल काफी समझदार हो गए हैं।"
फिल्म बनाने के लिए अपना घर बेच देने वाले पांडा का कहना है कि उनके जैसे स्वतंत्र फिल्मकार के लिए फिल्में बनाना काफी कठिन है, लेकिन वह ये भी मानते हैं कि समय बदल रहा है और 'आई एम कलाम' इसका बेहतरीन उदारहरण है।
पांडा की फिल्म 'जलपरी' में कन्या भ्रूण हत्या के मसले पर रोशनी डाली गई। इसे समीक्षकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
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