18 फरवरी 2014
मुंबई|
अभिनेता जिम्मी शेरगिल कहते हैं कि भारत में ऐसे फिल्मकारों की कमी है, जो डरावनी फिल्मों के साथ न्याय कर पाएं। उनको लगता है कि हिंदी सिनेमा में डरावनी फिल्में अभी अपनी बाल्यावस्था में हैं। जिम्मी जल्द ही आने वाली डरावनी फिल्म 'डर एट द माल' में नजर आएंगे।
जिम्मी सोमवार को टीवी पर धारावाहिक 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में फिल्म का प्रचार कर रहे थे। उन्होंने कहा, "हमारे यहां एक या दो ही फिल्मकार हैं जो डरावनी फिल्मों की शैली के साथ न्याय कर पाते हैं। वरना तो यह शैली अभी हमारे फिल्म उद्योग में परिपक्व भी नहीं हो पाई है।"
जिम्मी का मानना है कि हमारे देश में डरावनी फिल्मों की शैली के लिए बेहतर संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, "यहां डरावनी फिल्मों के लिए काफी संभावनाएं हैं। इसका सबूत है विदेशी डरावनी फिल्में जो यहां प्रदर्शित होती हैं और अच्छी कमाई करती हैं। तो सवाल यह है कि हमारे यहां निर्मित डरावनी फिल्में अच्छा व्यवसाय क्यों नहीं कर सकतीं।"
जिम्मी ने कहा कि 'डर एट द माल' से जुड़ने से पहले वह इस शैली में हाथ आजमाने को लेकर थोड़े सशंकित थे। लेकिन फिल्म के सेट-अप और कहानी ने उनको इसमें काम करने के लिए प्रभावित किया।
पवन कृपलानी निर्देशित 'डर एट द माल' में जिम्मी के साथ अभिनेत्री नुसरत बरुचा ने काम किया है। फिल्म इस शुक्रवार सिनेमाघरों में आ रही है।