क्या करें अगर शादी नहीं हो रही। क्या करें अगर रिश्ता दरवाजा तक आकर छूट जाता है। अब,ज्योतिषियों की मानें तो ऐसा होने में गुरु की बड़ी भूमिका है। जी हां, आपकी कुंडली में बैठे गुरु की। गुरू अगर दुर्बल है, तो गुरू संबंधी कारक तत्वों का फल क्षीण हो जाता है।
गुरु के दुर्बल होने से संतान संबंधी अड़चन, आर्थिक तंगी, विवाह में देरी, पीठ में दर्द, घुटनों में दर्द, कलेजे में तकलीफ, पाचन शक्ति की तकलीफ, पेट की तकलीफ आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। ज्योतिषी राम शांडिल्य के मुताबिक कुंडली में यदि मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु या मीन लग्न हो या चंद्र राशि हो या गुरू लग्न, तृतीय, पंचम, षष्ठम, अष्टम या द्वादश भाव में होता है या जिस कन्या का विवाह नहीं होता है, उसे विवाह कारक गुरू का रत्न पुखराज पहनना चाहिए। 3 रत्ती से ऊपर का पुखराज सोने की अंगूठी में जड़वाकर पुष्य नक्षत्र के दिन, प्राण-प्रतिष्ठा कर सूर्यास्त से एक घंटे पहले तर्जनी अंगुली में धारण करना चाहिए।
वैसे,शीघ्र विवाह के लिए गुरु को मनाने के कुछ और उपाय भी हैं। मसलन मंदिर में पैसा चढ़ाना, पीपल का पेड़ लगाकर उसकी देख-भाल करना,गुरूवार को जल चढ़ाना, गुरू मंत्र का जप करना, 27 गुरूवार का व्रत करना और खाने में चने की दाल का प्रयोग करना, 5 गुरूवार बूंदी के लड्डू का प्रसाद चढ़ाना, हल्दी, केसर, शक्कर, नमक, शहद, बूंदी के लड्डू दान करना, गुरूवार के दिन पिता, गुरू, दादा, बड़े भाई को प्रणाम करना, सोना पहनना, 7 गुरूवार घोड़े को चने की दाल खिलाने से गुरू ग्रह का बल बढ़ाया जा सकता है।
तो मनाइए अपनी कुंडली में नाराज बैठे गुरु को....और कीजिए शीघ्र अति शीघ्र शादी।