4 जून2012
चेन्नई। कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना (केएनपीपी) के 1,000 मेगावॉट के दो रिएक्टरों में से पहले रिएक्टर से सारा कृत्रिम ईंधन निकाले जाने के बाद परमाणु विशेषज्ञ अब रिएक्टर का निरीक्षण कर रहे हैं। यह बात एक अधिकारी ने सोमवार को बताई।
भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा, "सारा कृत्रिम ईंधन शनिवार को निकाल लिया गया। अब देश और विदेश के परमाणु विशेषज्ञ रिएक्टर प्रणालियों का निरीक्षण कर रहे हैं।"
कृत्रिम ईंधन, असली ईंधन के ही समान होता है, लेकिन उसमें सम्वर्धित यूरेनियम नहीं होता।
रिएक्टर से कूलेंट वॉटर की थोड़ी मात्रा निकालने के बाद पानी में काम करने वाले उपकरण तथा क्रेन के जरिए सभी 163 कृत्रिम ईंधन की छड़ें रिएक्टर वेसेल से निकाल ली गईं।
अधिकारी ने कहा कि निरीक्षण रपट परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (एईआरबी) को सौंपी जाएगी। रिएक्टर में असली ईंधन भरने की अनुमति एईआरबी द्वारा गठित बोर्ड या समिति द्वारा दी जाएगी।
अधिकारी ने कहा कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो एईआरबी की मंजूरी हासिल करने में लगभग 15 दिन लग सकते हैं, और इस महीने के अंत तक रूस निर्मित पहले रिएक्टर से विद्युत उत्पादन और उसके ग्रिड में जाने सम्भावना है। लेकिन व्यावसायिक उत्पादन अगस्त से शुरू होने की सम्भावना है, जिसे 2.64 रुपये प्रति यूनिट बेचा जा सकता है।
ज्ञात हो कि एनपीसीआईएल तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम में 1,000 मेगावॉट के दो रिएक्टर स्थापित कर रहा है।
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